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7 फेरों के लिए दूल्हे को करना पड़ा 17 घंटे इंतजार - Sabguru News
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7 फेरों के लिए दूल्हे को करना पड़ा 17 घंटे इंतजार

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7 फेरों के लिए दूल्हे को करना पड़ा 17 घंटे इंतजार
7 फेरों के लिए दूल्हे को करना पड़ा 17 घंटे इंतजार

anti child marriage campaign in indore

इंदौर। बाल विवाह की शिकायत पर उडऩदस्ता पहुंचा और वर-वधु मंच पर बैठे दिखे तो विवाह हो जाने की शंका हुई। बातचीत में वधु की आयु क कोई प्रमाण पत्र न होने के कारण फेरे नहीं हो पाए। दस्ते ने जब तक दस्तावेज नहीं मिलते शादी न करने की बात कही।

पिता ने अपने गांव से कागजात मंगाकर देने का वादा किया। अमला देर रात तक मौके पर डटा रहा। कान्हा को अपनी वधु के साथ साथ फैरों के बंधन में बंधने के लिए 17 घंटे इतजार करना पड़ा। सुबह दस्तावेज मिलने और बालिका के बालिग होने का प्रमाण मिलने पर अमले ने वहा से रवानगी ली।

शादी का माहौल चल रहा था कि अचानक शिकायत के आधार पर बल विवाह विरोधी उडऩदस्ता लाडो अभियान कोर ग्रुप फेरों से ऐन पहले पहुंच गया। ऋषि पैलेस कॉलोनी में हो रही राधेश्याम की बेटी अंजू की शादी में पहुंचे दल ने लडक़ी की उम्र के दस्तावेज मांगे।

परिजन घबरा गए और उन्होंने कहा कि उनके पास बेटी की उम्र प्रमाणित करने वाले कोई दस्तावेज नहीं हैं। वर ने अपना ड्रायविंग लायसेंस दिखाया जिसके अनुसार उसकी उम्र 23 वर्ष से अधिक पाई गई।

दस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने शादी रोक दी और पुलिस बल बुलकर वहां मौजूद सभी बाराती-घराती के साथ ही टेंट, बत्ती, रसोई बनाने वाल और अन्य मेहमानों की सूची तैयार कर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की तैयारी की। जिला सशक्तिकरण अधिकारी से सलाह के बाद उन्होंने सुबह बालिक का मेडिकल कराने की बात कही और पंचनाम तैयार कर विवाह रुकवा दिया।

विवाह रुक जाने से कान्हा को रात बैठे-बैठे ही काटना पड़ा। घराती-बाराती भी रातभर जागते रहे और अपनी किस्मत को कोसते रहे। रात में कही फेरे न हो जाएं इसके लिए दस्ते के सदस्य देवेंद्र पाठक उनके साथ ही रुके रहे।

सुबह जब परिजनों ने अपने मूल गांव सनावद के भानभरण में अंजू के जन्म के समय बनवाई गई जन्म पत्रिका मोबाईल पर वाट्स एप पर मंगवाकर दिखाई और उसकी प्रतिउपलब्ध कराई तब जाकर चैन मिला।

जन्म पत्रिका के आधार पर बालिका की आयु 19 वर्ष के लगभग सामने आई है। सात फेरों के लिए कान्हा को रातभर की तपस्या और 17 घंटे के इंतजार के बाद राहत मिली। रात में बारात के अधिकांश: लोग तो यहां-वहां हो गए किंतु पिता और उसके रिश्तेदार वही डटे रहे। रोते हुए परिजनों ने विरोध का प्रयास भी किया।

पिता राधेश्याम का कहना है कि उसकी पास अपने बच्चों की उम्र का कोई प्रमाण नहीं है। मजदूर पेशा होने व चंद मह पहले ही इंदौर आकर बसने के कारण वह बच्चों को पढ़ाना नहीं पाया। शादी में शामिल सभी लोगों ने दस्ते के सामने शपथ ली कि वे अब बच्चों की उम्र के प्रमाण तैयार करवा कर रखेंगे।

कम उम्र में शादी नही करेंगे और दूसरों को भी समझाइश देंगे। इसी तरह टेंट,फोटोग्राफर,रसोई बनाने वाले और पंडित ने भी शादी में शामिल होने से पहले वर वधु की आयु का प्रमाण देखने का वादा किया।

नंदनी नहीं बन पाई कार्तिक की, कम उम्र के चलते रोकी शादी

अबूझ मुहूर्त में किसी नाबालिग की शादी न हो इसके लिए जिले में दस्ते जगह-जगह जाकर परीक्षण करते रहे। लाडो अभियान कोर ग्रुप एव शौर्या दल के जिला समिति के दल नें निरीक्षण के दौरान आदर्श वस्त्रकार कोरी समाज में हो रहे प्रेम विवाह को रोका।

कोर ग्रुप के महेंद्र पाठक व देवेंद्र पाठक ने आयोजन समिति से जोड़ों की आयु का प्रमाण मांगा तो एक जोड़े के दस्तावेज नहीं मिले। पूछताछ में पहले तो गुमराह करने का प्रयास किया गया।

अधिनियम की जानकारी देने और मामला दर्ज होने की बात सामने आने पर आयोजकों ने परिजनों से दस्तावेज देने को कहा तो उन्होंने बताया कि बालिका नंदनी की आयु 17 वर्ष ही है। वर कार्तिक पिता दीपक 20 वर्ष का मिला।

वर-वधु की आयु कम होने से विवाह निरस्त कर दिया गया। बताया जाता है कि दोनों प्रेम विवाह करने का प्रयास कर रहे थे इसलिए परिजनों ने उनका विवाह सम्मेलन में कराने का प्रयास किया जिससे बदनामी न हो। अचानक विवाह रुकने से माता-पिता खुश नजर आए और दोनों को समझाकर एक साल बाद शादी करने को कहा।

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