सबगुरु न्यूज-जालोर। रानीवाडा में जालोर महोत्सव के शुरू होते ही विवाद हो गया। कांग्रेस ने आयोजन समिति पर दलित व कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मुंह और हाथ पर काली पटटी बांधकर विरोध जताया। बाद में जिला कलक्टर के नाम से नायब तहसीलदार को ज्ञापन दिया।
राजस्थान पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन एवं जालोर विकास समिति के तत्वावधान व जागृत संस्था एवं शिव सांई सेवा समिति के सहयोग से रानीवाडा में जालोर महोत्सव बनाया जा रहा है। महोत्सव के लिए होर्डिंग्स लगाए गए थे। कांग्रेस का आरोप है कि न तो कांग्रेस की प्रधान को कार्यक्रम में बुलवाया गया और न ही होर्डिंग्स में उनका फोटो नहीं लगाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोजन समिति ने इस कार्यक्रम को निजी कार्यक्रम बना दिया है। आयोजन समिति शिव सांई सेवा समिति व जागृत संस्था मंुबई द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में होर्डिग्स, बैनर व पैम्फलेट में कांग्रेस की स्थानीय प्रधान श्रीमती रमीला मेघवाल, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य को आमंत्रित नहीं करने का आरोप लगाया। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी रानीवाड़ा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने मुंह, आंख व हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। जिला कलक्टर को दिए ज्ञापन में बताया गया कि जालोर महोत्सव की प्रचार-प्रसार सामग्री में कहीं भी प्रधान का नाम नहीं लिखा गया एवं उक्त कार्यक्रमों में पार्टी विशेष के पदाधिकारियों के फोटो लगवाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संस्थानों ने अपनी मनमर्जी से निजी कार्यक्रम के तहत आयोजन कर जन भावनाओं का अनादर किया है। उन्होंने बताया कि यह महोत्सव जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जा रहा है, लेकिन रानीवाडा में आयोजन समिति इसमें भेदभाव कर रही है। आमजन व उपखंड के सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों व पूर्व जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाता तो कार्यक्रम सही मायने में जो जिला प्रशासन की मंशा के अनुरूप होता। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा विरोध की आशंका देखते हुए आयोजन समिति ने रातों-रात होर्डिंग्स पर प्रधान का फोटो चिपका दिया। प्रधान को किसी प्रकार का आमंत्रण नहीं दिया गया। कांग्रेस के विरोध को देखते हुए नायब तहसीलदार अरूण त्रिवेदी मौके पर ही कांग्रेस से ज्ञापन लेने पहुंचे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक रतन देवासी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रधान श्रीमती रमीला मेघवाल, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष परसराम ढ़ाका, जिला परिषद सदस्य भुपेन्द्रसिंह देवड़ा, वचनाराम मेघवाल, पुरणसिंह देवड़ा, गंगाराम खिचड़, कृष्ण पुरोहित, अमृतलाल कटारिया, जानुराम, गणेश देवासी, रमेश सैन, कैलाश पुरी, राजेन्द्र सुथार, रणवीरसिंह, बाबुलाल, भगराज, मंगलाराम गोदारा, अम्बालाल चितारा आदि शामिल थे।