सूरत। अमरोली के कोसाड़ आवास से वर्ष 2012 में हजारों रुपए की जाली नोटों के साथ पकड़े गए दो भाइयों को मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश कु.गीता गोपी ने दोषी करार देते हुए दस-दस साल की कठोर कैद और दस-दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुना दी।
कोर्ट ने सजा सुनाने से पहले अभियुक्तों का अपना पक्ष रखने के लिए कहा, जिसमें दोनों ने उनकी उम्र कम होने और नोट बाजार में घुमाई नहीं होने का बताते हुए कम से कम सजा सुनाने की बिनती की। लेकिन कोर्ट ने रहम दिखाने से इनकार कर दिया और फैसले में कहा कि देश के अर्थतंत्र को नुकसान पहुंचाने में अभियुक्तों की लिप्तता साबित होती हो तब और युवा इस तरह के अपराध करने के लिए प्रेरित न हो इस लिए कठोर सजा सुनाना न्योयाचित होगा।
कोसाड़ एसएमसी क्वार्टस निवासी अभियुक्त दीपक फतेसिंह बारिया(23) और धर्मेश फतेसिंह बारिया (19) को अमरोली पुलिस ने जाली नोट रखने और छापने के आरोप में गिरतार कर लिया था। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने 8 मार्च, 2012 को अभियुक्तों के घर छापा मार कर 16,790 रुपए की 100, 1000, 50 तथा 10 की जाली नोट और नोट छापने के लिए रखा कप्युटर, प्रिन्टर तथा स्केनर जब्त किया था।
दोनों के खिलाफ जांच खत्म कर सेशन कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी, तब से सेशन कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता रिंकू पारेख अभियुक्तों के खिलाफ आरोप साबित करने में सफल रही।
कोर्ट ने सबूत और गवाहों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को दोनों अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 489 ए,बी.सी.डी, 114 और 120(बी) के तहत दोषी मानते हुए दस-दस साल की कैद और दस-दस हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर चार महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।