जयपुर। भारतीय किसान संघ के बैनर तले राष्ट्रीय स्तर के किसान मेले एवं अधिवेशन की राजस्थान की राजधानी जयपुर में विधिवत शुरुआत हुई। मुहाना मंडी परिसर में दिनांक 18 से 21 फरवरी तक चलने वाले इस अधिवेशन में देशभर से किसान शिरकत करेंगे।
गुरुवार को इसी क्रम में किसान एग्रीकलचर एक्पो 2016 का शानदार तरीके से उदघाटन समारोह आयोजित किया गया। एक्सपो का उदघाटन राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने संयुक्त रूप से किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह एवं राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी मौजूद रहे तथा समारोह की अध्यक्षता केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने की।
समारोह के प्रारंभ में स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आॅर्गेनिक फल सब्जियों से बनी माला मुख्यमंत्री राजे और आनंदी बेन पटेल को पहनाई गई। इस मौके पर राजे ने किसानों को विश्वास दिलाया कि सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। किसानों की हर परेशानी सरकार दूर करने के लिए संकल्पबंध है। किसानों की माली हालत सुधारने और उन्हें फसल का उचित दाम मिले इसके लिए बहुत से प्रयास किए गए हैं।
उन्होंने इस बात की भी जरूरत बताई कि प्रदेश में पानी की कमी के चलते हमें अपनी कृषि कार्य के तरीके में भी आपेक्षित बदलाव लाना होगा। बूंद बूंद सिंचाई के तरीके लिए पानी की बचत के लिए श्रेयसकर बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे न केवल पानी की बचत होगीह बल्कि असिंचित क्षेत्र में भी फसल ली जा सकेगी।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने अपने राज्य में किसानों के लिए हितकारी योजनाओं के बारे में बताया और साथ ही कहा कि राजस्थान में कुछ नई योजनाएं प्रारंभ हुई है जो गुजरात में भी अमल में लाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि गुजरात और राजस्थान पडोसी राज्य है। ऐसे में एक दूसरे का सहयोग करना और सहयोग लेना बहुत ही फायदेमंद साबित हो रहा है। दोनों राज्यों में किसानों से जुडी कई समस्याएं समान है जिनका साथ काम करने से समाधान हो सकेगा।
राजस्थान में पानी की उपलब्धता को बढाने के लिए किए शुरू की गई मुख्यमंत्री जलस्वावलंबन अभियान की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा का पानी जालोर के सांचोर जिले तक नहर के जरिए पहुंचा दिया था। दोनों राजयों के बीच सहयोग का यह सिलसिला अब भी जारी है।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री कर्नल राजयवर्धनसिंह राठौर ने कहा कि बीते 63 साल में देश में कई सरकारें आई और गईं लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले किसान को केन्द्र में रखते हुए योजनाओं की शुरुआत की। उनका मानना है कि देश की 25 प्रतिशत आबादी कृषि कार्य से जडी हुई है। यह आबादी ही अन्नदाता है। किसान को पानी की समस्या से जुझना पडता है। अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से होने वाले खराबे से किसान बर्बादी झेलता है। उसका पूरा परिवार संकट में आ जाता है। अब यह स्थिति बदल रही है। सरकार की प्राथमिकता में किसानों के लिए योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। उन्होंने कृषि के आधुनीकीकरण की जरूरत बताई।
इस अवसर पर राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अन्ना भृकुटेय आदि ने भी संबोधित किया।
किसान मेले में कब क्या कार्यक्रम
राष्ट्रीय स्तर के इस किसान मेले में पहले दिन भारतीय किसान संघ के देश भर में पदाधिकारियों का आगमन हुआ। यह संख्या करीब 13 हजार रही। शुक्रवार को 50 हजार से अधिक किसान किसान मेले में जुटेंगे। देश के अलग अलग भाषा प्रांत से आने वाले किसानों के लिए संघ ने मुहाना मंडी परिसर में ही आवास व भोजन की व्यवस्था की है। तीन दिन तक विभिन्न विषयों पर किसानों से जुडे विषयों पर मंथन होगा।