जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान में अगले तीन साल किसानों व पानी पर ध्यान देना प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि जब सरकार और किसान जन मिलकर कार्य करेंगे तो किसी को भी मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
राजे गुरुवार को भारतीय किसान संघ के तत्वावधान में आयोजित ‘किसान एग्रीकल्चर एक्सपो-2016’ के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि रिसर्जेन्ट राजस्थान समिट की तर्ज पर इस वर्ष नवबर में ‘ग्लोबल एग्रीटेक 2016 (वृहद कृषि मेला)’ का आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश के काश्तकारों को आमंत्रित किया जाएगा, ताकि हमारे किसानों को कृषि के क्षेत्र में नवाचारों की जानकारी हो सके और कृषि क्षेत्र में भी निवेश आए।
मुख्यमंत्री ने रासायनिक खेती से होने वाले नुकसानों का जिक्र करते हुए कहा कि रासायनिक खेती से उत्पादन भले ही बढ़ जाए, लेकिन इसके दुष्परिणाम कैंसर जैसे असाध्य रोगों के रूप में सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 60 हजार हैक्टेयर भूमि पर जैविक खेती हो रही है, इसे और बढ़ाया जाएगा। इसके लिए राज्य में 330 प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक जैविक खेती करने का आहवान किया। उन्होंने राज्य में चलाए जा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलबन अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि इस अभियान से राज्य के भू-जल स्तर में सुधार आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में पानी की समस्या को देखते हुए ही यहां ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में जैनेटिक मोडिफाइड बीजों को अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जीएम को बढ़ावा देने का प्रयास किया था, तब भी हमने उसका विरोध किया था।
समारोह में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कृषि विकास एवं किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को देखते हुए दूरदर्शन ने 24 घंटे चलने वाला किसान चैनल शुरू किया।