सबगुरु न्यूज-सिरोही। नन्दगांव गोलोकधाम में पथमेडा ट्रस्ट अप्रेल माह में ऐसा आयोजन करवाने जा रही है जिसका उल्लेख अभी तक देखने और सुनने में नहीं आया होगा। यहां पर 11 सौ तुलसी-शालिग्राम सामूहिक विवाह करवाकर उन लोगों का मनोरथ पूर्ण करने का सत्कार्य किया जाएग जो यह विवाह करवाने की इच्छा तो रखते हैं, लेकिन इस पर आने वाले खर्च को वहन करने में असमर्थ होने के कारण ऐसा कर नहीं पाते। इस सामूहिक तुलसी-शालिगराम विवाह में कृष्ण की भूमि गुजरात से शालिगराम की बारात आएगी तो कृष्ण की सहचरी मीरा की भूमि राजस्थान की तुलसी होगी। यह जानकारी शुक्रवार को पथमेडा गोशाला के ट्रस्टी आलोक सिंहल ने पथमेडा गोशाला के संरक्षक सुभाष महाराज की मौजूदगी में दी।
सिंहल ने बताया कि 8 अप्रेल से 16 अप्रेल तक मनोरमा गोलोक तीर्थधाम नन्दगांव सिरोही में गोकृपा महोत्सव होगा। इसमें आठ अप्रेल को नवरात्रि की अष्टमी पर तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। इसमें 11 सौ शालिगराम का विवाह ग्यारह सौ तुलसी से होगा। इसमें दोनो पक्षों के 11-11 सौ जोडे तुलसी और शालिगराम के माता-पिता के रूप में विवाह सम्पन्न करवाने के लिए बैठेंगे। लग्न मंडप में 11 सौ पंडित इस विवाह को संपन्न करवाएंगे। उन्होंने बताया कि इसका मकसद धर्म और संस्कृति के प्रति लोगों को जागृत करके गोसेवा के लिए प्रेरित करना है। इस आयोजन का खर्च भी पथमेडा गोशाला ही वहन करेगी।
पांच दिन रहेंगी मां-पिता के यहां
सिंहल ने बताया कि तुलसी-शालिगराम को वितरण मनोरमा गोलोक धाम से ही किया जाएगा। 2 अप्रेल को द्वारिका व ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य सरूपानंन्द सरस्वती मनोरमा गोलोक धाम में ही राजस्थान वासियों को तुलसी और गुजरात वासियों को शालिगराग भेंट करेंगे। इसके बाद पांच दिन तक तुलसी और शालिगराम को ले जाने वाले दंपत्ती अपने घर पर ही सिंचन के विवाह पूर्व कार्यक्रम सम्पन्न करवाएंगे और आठ अप्रेल को गुजरात से शालिगराम तथा राजस्थान से तुलसी मनोरमा गोलोकधाम तीर्थ नन्दगांव में आएंगे। यहां पर विवाह कार्यक्रम सम्पन्न करवाए जाएंगे। सिंहल ने बताया कि वैसे देवउठनी एकादशी को तुलसी-शालिगराम विवाह करवाया जाता है, लेकिन धर्मजागरण और मनोरथ पूर्ण करने की मंशा से करवाया जा रहे इस आयोजन को सैंकडों साधु संतों की उपस्थिति में 8 अप्रेल को विशेष मुहूर्त में करवाया जा रहा है। मंशा यह है कि सांस्कृतिक महोत्सव में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी होवे।
भव्यतम होगा आयोजन
आठ अप्रेल से 16 अप्रेल तक चलने वाला गोकृपा महोत्सव कितना भव्य होगा इसका अनुमान इससे ही लगाया जा सकता है कि इसके लिए दो हजार से ज्यादा कुटियाओं को निर्माण होगा। फरवरी से इसके लिए जागरण अभियान शुरू हो जाएगा। बीस से पचास हजार लोगों की इन आठ दिनों में मनोरमा गोलोकधाम में उपस्थिति होगी।
इसलिए विशेष है 2016
भारत में गोसेवको के लिए वर्ष 2016 की भी विशेष महत्ता है। सिंहल ने बताया कि ठीक पचास वर्ष पहले 7 नवम्बर, 1966 को दिल्ली में गो संवर्धन और विकास के लिए गो संसद का आयोजन किया गया था। इसमें देश भर से हजारों की संख्या में गोभक्त और साधु संत उपस्थित हुए थे। दुर्भाग्य वश उस दौरान अनहोनी हो गई थी और सैकडो गोभक्तों की मृत्यु हो गई थी। उन्ही को श्रद्धांजलि देने के लिए 1966 के गोरक्षा आंदोलन के बलिदान को याद करने के लिए इस वर्ष गोकृपा महोत्सव मनाया जा रहा है। सुभाष महाराज ने बताया कि इस वर्ष भी दीपावली के बाद पडने वाली गोअष्टमी को दिल्ली में गो संसद का आयोजन किया जाएगा। नंदगांव के गोकृपा महोत्सव तथा गो संसद में 1966 की गोसंसद के साक्षी रहे निम्बार्क आश्रम के पीठाधीश्वर श्रीजी महाराज भी मौजूद रहेंगे।
गो महोत्सव में यह होंगे आयोजन
सिंहल ने बताया कि गोकृपा महोत्सव में प्रतिदिन ब्रह्मानन्द तथा गो भागवत होगी। 9 अप्रेल को महासंकीर्तन होगा, 10 को शेखर सेन द्वारा भक्त कवि सूरदास के जीवन पर आधारित गो भक्ति से युक्त प्रस्तुति गो से गोपाल कार्यक्रम होगा, 11 को भक्ति तरंग, 12 को ग्वालों के नृत्य, 13 को गाय चरावत माखनचोर कार्यक्रम में कृष्ण की माखनचोरी की लीलाओं की प्रस्तुति होगी, 14 को कवि सम्मेलन किया जाएगा, 15 को भजन महोत्सव होगा। इस दौरान गो गायत्री महायज्ञ भी होगा।
गोकृपा महोत्सव के लिए 23 से मनुहार यात्रा
गो कृपा महोत्सव के लिए 23 फरवरी से मनुहार यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 23 व 25 फरवरी को सिरोही जिले में तथा 24 अप्रेल को जालोर जिले में मनुहार यात्रा निकाली जाएगी। जालोर में इस यात्रा के प्रभारी भूरसिह राजपुराहित तथा सिरोही व पाली में इसके संरक्षक विरेन्द्रसिंह चैहान व प्रभारी हेमंत पुरोहित होंगे।
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