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सिरोही:पावापुरी में विराजित की स्वर्ण प्रतिमा - Sabguru News
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सिरोही:पावापुरी में विराजित की स्वर्ण प्रतिमा

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सिरोही:पावापुरी में विराजित की स्वर्ण प्रतिमा
offering pooja in pavapuri
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले के पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम में शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जिनालय में रविवार को 16वी वार्षिक ध्वजारोहण समारोह के दौरान मुंबई के उद्योगपति गौतम लखी ने गौतम स्वामी की साढ़े तीन किलो स्वर्ण की प्रतिमा विराजित की। इस दौरान पी संघवी परिवार के प्रमुख बाबुलाल पी संघवी व किशोर संघवी ने सपरिवार ध्वजा चढ़ाई। चौमुखा महावीर स्वामी जिनालय में कीर्ति भाई व दिलीप संघवी ने तथा अन्य 16 देहरियों में ट्रस्टियों ने ध्वजारोहण किया।
पावापुरी में ध्वजारोहण के पहले जिनालय में सभी ध्वजाओं की पूजा-अर्चना की गई। नीतिसमुदाय की साध्वी रत्नमालाश्रीजी ने वाक्षेप डालकर आशीर्वाद दिया। यात्री निवास में सभी ट्रस्टियों का तिलक करने के बाद श्रावक-श्राविका नाचते गाते हुए जिनालय पहुंचे। इन लोगों ने ध्वजा के साथ प्रदक्षिणा की और फिर शिखर पर पहुंचे, जहां पर कलश दंड की पूजा करने के बाद सभी ने नई ध्वजा लहराई । शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जिनालय में प्रक्षाल व अभिषेक का मुंबई के व्यवसायी दिलीपभाई लखी परिवार ने लिया। लादुसिंह सिरोडी ने विधिपूर्वक पूजन कराया।
दिलीप लखी ने विराजित की प्रतिमा
मुंबई के हीरा उद्यमी दिलीप भाई लखी ने अपने परिजनों के साथ शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जिनालय में गौतम स्वामी की स्वर्ण प्रतिमा विराजित की। उनके साथ में करूणा बेन, गिरधरभाई, वंदना बेन, चिराग भाई, मनीष भाई साथ में थे। दिलीप भाई का पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम के संस्थापक बाबुकाका संघवी, किशोर एच. संघवी, कीर्ति भाई, अरविंद भाई, अमरीश भाई, समीर भाई एवं तपस्वी रतन बेन, सुधा बेन, हीना बेन व मेघना संघवी ने साफा, माला, एवं शोल ओढाकर अभिनंदन किया। दिलीप लखी जैन नहीं हैं। लखी परिवार ने अम्बाजी, सोमनाथ व द्वारका मंदिर में भी कई किलो स्वर्ण अर्पित किया है। हीरा उद्योग में दिलीप लखी एक ऐसे उद्योगपति हैं जो सर्वाधिक आयकर दाता की श्रेणी में आते हैं।
स्वर्ण अर्पण कर बनाया इतिहास : बाबूकाका
ट्रस्ट के संस्थापक चेयरमैन बाबूलाल पी. संघवी ने कहा कि लखी परिवार के साथ उनका वर्षों से व्यापारिक संबंध है। उन्होंने मंदिर में सात किलो स्वर्ण भेंटकर पावापुरी मे एक नया इतिहास बनाया है जिसके लिए वे उनके आभारी है। दिलीप भाई लखी ने अपने उद्बोधन मे कहा कि के पी संघवी परिवार ने अपनी जन्म भूमि पर पावापुरी तीर्थ व गोशाला का निर्माण करवाकर एक ऐसा पवित्र काम किया है जिसकी महक न केवल प्रदेश में बल्कि सम्पूर्ण भारत व विदेशों में भी पीढिय़ों तक रहेगी। उन्होंने गोशाला में 11 लाख रुपये देने की घोषणा की।
मौन रखकर दी श्रद्धांजलि
इस दौरान तीर्थ के ट्रस्टी मीठालाल डुंगरमल जैन सनवाडा के एवं तीर्थ के निर्माण ठेकेदार खीमाराम प्रजापत रिछडी के निधन पर ट्रस्ट मंडल ने दो मिनद का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। उनके योगदान की सराहना की व एक शोक प्रस्ताव पारित किया।

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