नई दिल्ली। भारतीय खेल प्राधिकरण ने भारतीय महिला मुक्केबाजों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराने से उठे विवाद में अपने चिकित्सा सलाहकार डॉ. पीएमएस चन्द्रन को अनुशासनहीनता और गलत जानकारी देने के आरोप में तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।…
साई ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि जूनियर सहित महिला मुक्केबाजों के प्रेगनेंसी टेस्ट होने के मीडिया में जारी बयान के लिए डॉ. चन्द्रन ही जिम्मेदार हैं। साई की उन निदेशक सुनीता भरल ने डॉ. चन्द्रन की बर्खास्तगी के संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण कोरिया के जेजू में 13 से 25 नवम्बर तक होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने वाली भारतीय मुक्केबाजों के प्रेगनेंसी टेस्ट को लेकर अच्छा खासा विवाद उठा जिसके बाद देश में इस खेल की नियंत्रक संस्था बाक्सिंग इंडिया ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि प्रेगनेंसी टेस्ट अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबा) की अनिवार्य शर्तो में शामिल था और इसके लिए खुद मुक्कबाजों ने पत्र लिखकर आग्रह किया था।
साई ने बयान में कहा कि इस बात की पुष्टि की जाती है कि मुक्केबाजों के पे्रगनेंसी टेस्ट को लेकर मीडिया में जारी बयान के लिए डॉ. चन्द्रन ही जिम्मेदार थे। साई और बाक्सिंग इंडिया पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि टीम की सबसे युवा खिलाड़ी 1994 की जन्मी है इसलिए किसी जूनियर का ऎसा टेस्ट होने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
साई ने साथ ही कहा कि यह टेस्ट मुक्केबाजों के आग्रह पर कराया गया था क्योंकि आईबा की विश्व मुक्केबाजी के लिए शर्त थी कि हर मुक्केबाज को किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर से नान प्रेगनेंसी फार्म लाना होगा। बयान में कहा गया है कि यदि डॉ.चन्द्रन को नियमों की व्याख्या को समझने में दिक्कत थी तो उन्हें भारत में आईबा के तकनीकी प्रतिनिधि सहित संबंधित अधिक ारियों से विचार विमर्श करना चाहिए था। एक सलाहकार के रूप में उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह साई में संबंधित अधिकारियों को किसी फैसले तक पहुंचने में तकनीकी मदद उपलब्ध कराएं न कि वह सीधे पे्रस तक पहुंच जाएं।