नई दिल्ली। पाकिस्तान की धरती से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकी संगठनों और उनसे जुड़े आतंकियों की नई सूची को भारत ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति को सौंप दी है। इस नई सूची में ग्यारह आतंकी संगठनों और उनसे जुड़े आतंकियों के नाम शामिल हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में मौजूद ग्यारह आतंकी संगठनों और आतंकियों की सूची संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को दी है, जो भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
गत 18 फरवरी 2016 को सौपी गई सूची के माध्यम से इन सभी पर वैश्विक प्रतिबन्ध लगाने की मांग संयुक्त राष्ट्र से की गई हैं। विदेश मंत्री ने सूची में शामिल नामों का खुलासा नहीं किया है।
स्वराज ने कहा यह सरकार की नीति है कि वह जितने हो सके उतने देशों के साथ आतंकियों और भगोड़े अपराधियों को भारत वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण संधियों और करारों पर हस्ताक्षर कर सके। अब तक भारत ने 40 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों पर दस्तखत किए हैं और नौ देशों के साथ प्रत्यर्पण समझौते किए हैं।
पठानकोट आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ संबंधों के विषय में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा भारत सरकार शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र के अनुसार ही द्विपक्षीय वार्ता के द्वारा पाकिस्तान के साथ प्रत्येक मुद्दे पर ध्यान देना चाहता है।
गत छह दिसंबर को भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई वार्ता में शांति और सुरक्षा, आतंकवाद और सीमा पर शांति जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी। पाकिस्तान ने यह विश्वास दिलाया था कि वह मुंबई आतंकी हमलों के अपराधियों के विरुद्द कार्रवाई करेगा।
दोनों पक्षों ने 9 दिसंबर 2015 को सभी लंबित मुद्दों पर व्यापक द्विपक्षीय वार्ता के लिए सहमति जताई थी, परन्तु 24 जनवरी 2016 को पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान से दो टूक शब्दों में कहा गया था कि वह पठानकोट हमले से जुड़े आतंकी संगठन के विरुद्द कड़ी कार्यवाही करे। स्वयं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 5 जनवरी को अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से टेलीफोन पर बात की थी। दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश सचिव आपस में संपर्क में हैं।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को सरकारी तौर पर वहां शरण लिए पठानकोट हमले के अपराधी और आतंकी संगठनों के विषय में जानकारी दी गई थी। पाकिस्तान ने कहा है कि वह इस जानकारी पर कार्यवाही कर रहे हैं। पाकिस्तान से औपचारिक विवरण और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम आने की प्रतीक्षा की जा रही है।