नई दिल्ली। शोध छात्र रोहित वेमुला के मामले में संसद को गुमराह करने एवं बिना किसी सबूत के रोहित को दलित नहीं मानने के लिए कांग्रेस पार्टी ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर निशाना साधा है। साथ ही इस मामले में संसद में एक विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की घोषणा की है।
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक और प्रवक्ता एवं सांसद कुमारी सैलजा ने मीडिया को बताया कि रोहित वेमुला की मां राधिका की तरफ से कांग्रेस पार्टी केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से यह पूछना चाहती है कि केन्द्रीय मंत्री ने किस आधार पर रोहित को राष्ट्र विरोधी करार दिया था?
कांग्रेस प्रवक्ता सैलजा ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने रोहित को दलित नहीं बताते हुए यह आरोप लगाया था कि इसके लिए रोहित ने झूठे प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। इस आधार पर रोहित को शोध कार्यों के लिए मिलने वाली राशि सात महीनों से रोक दी गई।
मामले की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है, लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने जांच रिपोर्ट नहीं आने की प्रतिज्ञा करते हुए संसद में गलत बयान दे दिया, जो कि पूरी तरह से गलत है।
दलितों और समाज के पिछड़े लोगों के प्रति भाजपा द्वारा पक्षपात किए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव वासनिक ने कहा कि भाजपा एवं केन्द्रीय मंत्री द्वारा छात्र राजनीति में हस्तक्षेप करने के कारण ही रोहित वेमुला को आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने को विवश होना पड़ा।
फिर मामले को लेकर केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने संसद में गलत बयान देकर मामले को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की है। इसके खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मानव संसाधन विकास मंत्री के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।