पाली। पाली के प्रधान डाकघर में शनिवार को माई स्टाम्प योजना का शुभारंभ का किया गया। इस अवसर पर परिजनों की याद में फोटो सहित डाक टिकिट प्रिंट करवाने वाले उपभोक्ताओं को डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने टिकट प्रदान किए।
माई स्टाम्प योजना में अभ्यर्थी को फार्म के साथ फोटो और तीन सौ रुपए देने होते हैं जिसमें बारह डाक टिकटों के साथ फोटो लगाई जाती है। पांच रुपए का डाक टिकट भारत भर में कहीं भी भेजा जा सकता है। इसमें सिर्फ जीवित व्यक्तियों की ही फोटो लगाई जा सकती है।
यादव ने पाली प्रधान डाकघर में आयोजित हुए डाक मेले, बचत बीमा, सुकन्या समृद्धि, अटल पेंशन योजना सहित तमाम योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि व्यावसायिकता के इस दौर में बिना प्रतिस्पर्धा के कोई भी उन्नति नहीं कर सकता है। डाक विभाग भी इस क्षेत्र में नए कदम उठा रहा है।
डाक विभाग स्वयं को एक व्यावसायिक और उत्तरदायी संगठन में बदलने और अपनी सेवाओं को ग्राहकों के लिए विविधता एवं गुवत्तापूर्ण बना रहा है। ग्राहकों की सेवा को प्रमुखता देते हुए डाकघरों में ग्राहकों की जरूरत के अनुरूप बदलाव लाए जा रहे हैं।
ग्राहकों को एक ही जगह पर जनोपयोगी सेवाएं मिल सकें इस पर खास ध्यान दिया गया है। डाकघर आम आदमी को उसके दरवाजे तक आसानी से सस्ती सेवाएं प्रदान करने की कवायद में जुटा है। डाक संप्रेषण प्रणाली में आवश्यक परिवर्तन के साथा डाक सेवाओं को आधुनिकतम टेक्नोलाजी से जोड़ा जा रहा है।
यादव ने सुकनया योजना के बारे में बताते हुए कहा कि समाज की मानसिकता को बदलने की जरुरत है, अब बेटे बेटी में अंतर की भावना में बदलाव आवश्यक हो चुका है। घर में जवान बेटा और बेटी हो तो हमे यह नहीं भूलना चाहिए कि बेटियां भी अब घर की जिममेदारी भी संभालने लगी हैं।
दस साल तक की बालिकाओं के लिए शुरु की गई सुकन्या योजना बेटियों की समृद्धि के लिए शुरु की गई हैं, इससे बेटियों का अर्थिक सशक्तीकरण होगा। उच्च शिक्षा और विवाह के समय मदद मिलेगी।
देश में मुख्यधारा से वंचित लोगों व उनके परिवार वालों की सुरक्षा को देखते हुए अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का सफल क्रियान्वयन भी डाकघरों के जरिए हो रहा है।
यादव ने सुकन्या योजना में भागीदार बेटियों को पासबुक के साथ उपहार देकर सम्माननित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
अब सिर्फ चिट्ठयां ही नहीं बांटता डाक विभाग
डाक विभाग के लिए एक आम धारणा होती है कि इस विभाग का काम तो केवल चिट्ठी बांटने या मनी ऑर्डर तक ही सीमित होता है। आज और पहले भी डाक विभाग के काम कई तरह के होते हैं। चिट्ठी में संवेदनाएं होती हैं। वह चिट्ठी बांटने वाला व्यक्ति संवेदनाएं लेकर आता है। नौकरी जरुर करता है पर अपने को उसकी इज्जत करनी चाहिए।
पुराने लोग कहते थे कि चिट्ठी मिलेगी, पर खोएगी नहीं यह विश्वस है डाक विभाग का। जब भी देश भर में किसी तरह के संपर्क का काम सरकार को करना होता है तो वह डाक विभाग को ही जिम्मेदारी देती है। एक बार मलेरिया की महामारी फैली उसकी रोकथाम करने के लिए सरकार को कुनैन को गोलियों घर घर बंटवानी थीं। उस उस समय चिकित्सा विभाग ने हाथ खड़े कर दिए और वह जिम्मेदारी पोस्ट ऑफिस को दी गई।
डाकिया घर तक जुड़ा होता है इनसे हर कोई संवेदना रखता है। आज के समय में कोरियर, मेल आदि को लोग भले ही ज्यादा महत्व दे रहें हो पर याद रखिए कि सरकारी कागजात या पासपोर्ट जैसी महत्वपूर्ण दस्तावेज तो डाकिया ही लाता है। यह सेवा विश्वास के साथ जुडी हुई है। इस विश्वास ने ही ग्राहक और डाकघर के रिश्ते को मजबूत बनाए रखा है।
डाकघर की बचत योजनाओं का लाभ लें
आज का समय अर्थ का है अर्थ है तभी समाज इज्जत करता है। तो डाक बीमा या डाक विभाग की अन्य योजनाओं में राशि को जमा कराकर मुनाफा कमाएं। डाक विभाग आज ज्यादा राजस्व कमाने के लिए सिर्फ काउंटर तक ही सीमित नहीं है वह फील्ड में भी जा रहा है। आज के दौर में सिर्फ काउंटर पर जनता को आकर्षित नहीं किया जा सकता है। नियमित संवाद, सेवा में गुणवत्ता के वारे में जागरुक रहेंगे तभी लक्ष्य प्राप्ति की जा सकती है।
पाली मंडल के डाक अधीक्षक डीआर सुथार ने कहा कि डाक विभाग अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा सेवा देने को तत्पर है। उन्होंने पाली डाक मंडल की उपलब्धियों को बताया। इस अवसर पर पाली डाकघर के पोस्टमास्टर डीडी सोनी, संग्राम भंसाली, पुखराज राठौड़, राजेन्द्रसिंह भाटी, सहित डाक विभाग के कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जेआर सेंगर ने किया।