सूरत। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) और सरकार के बीच समझौता करने के लिए मैदान में उतरे पोरबंदर के सांसद विट्ठल रादडिय़ा ने शनिवार को दावा किया कि आंदोलन समझौते के ट्रेक पर है। हार्दिक की ओर से रखे गए 35 में से 27 मुद्दों पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। बाकी मुद्दों पर भी जल्द समझौता हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हार्दिक को भी जेल से बाहर लाने का सरकार प्रयास करेगी।
इससे पहले शनिवार सुबह करीब दस बजे सरकार की ओर से पोरबंदर सांसद विट्ठल रादडिय़ा और सूरत के पाटीदार अग्रणी एवं कुछ उद्यमी हार्दिक से मिलने लाजपोर सेंट्रल जेल पहुंचे और करीब एक घंटे हार्दिक के साथ बातचीत की। मुलाकात के बाद रादडिय़ा ने शाम को पत्रकार वार्ता में बताया कि उन्होंने हार्दिक को अनशन तोडऩे के लिए मनाया।
हार्दिक ने उनकी बात मान ली और उसने अपने चचेरे भाई के हाथों खाना खाकर अनशन तोड़ा। रादडिय़ा ने बताया कि पिछली मुलाकात में हार्दिक ने 35 मुद्दे उनके समक्ष पेश किए थे। जिन पर उन्होंने मुयमंत्री आनंदीबेन पटेल के साथ चर्चा की। इनमें से २७ मुद्दों पर समझौता करने के लिए सरकार सहमत हो गई।
सांसद रादडिय़ा ने जानकारी दी कि सरकार पाटीदार आयोग बनाने जा रही है। आयोग के सदस्य पाटीदार समुदाय से ही होंगे। इसके लिए सरकार अलग से फंड आवंटित करेगी। इसके अलावा पाटीदारों के खिलाफ दर्ज केस भी वापस लिए जाएंगे और जेल से पाटीदार युवाओं को बाहर निकाला जाएगा। आंदोलन के दौरान जो पाटीदार युवाओं की मौत हुई थी उनके परिजनों को सरकार 15-15 लाख रुपए का मुआवजा देगी।
इसके अलावा किसानों को सस्ते ब्याज पर ऋण, तहसील और जिला स्तर पर स्कूल-कॉलेजों का निर्माण करने जैसे मुद्दों को सरकार इस वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल कर चुकी है। रादडिय़ा ने दावा किया कि हार्दिक ने भी 27 मुद्दों पर अपनी सहमति जताई है और वह इस संदर्भ में वह आंदोलन समिति (पास) के सभी समन्वयकों को पत्र लिखकर बताएगा। हार्दिक के अनुसार सभी समन्वयकों के साथ बैठक करने के बाद ही समझौते की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा।
ओबीसी में आरक्षण की बात पर कोई चर्चा नहीं
रादडिय़ा ने बताया कि हार्दिक से मुलाकात के दौरान पाटीदार समाज को ओबीसी में आरक्षण को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। पाटीदारों के लिए आरक्षण की वकालत करते हुए रादडिय़ा ने कहा कि सरकार पाटीदार के लिए आयोग का गठन करेगी। आयोग पाटीदारों समाज के किसान, युवा, छात्रों को आने वाली परेशानियों में मदद करेगी, साथ ही आरक्षण मिल सकता है या नहीं, इसके भी प्रयास होंगे। पाटीदारों को कबूल हो ऐसा ही परिणाम सामने आएगा। रादडिय़ा ने कहा कि वह सरकार हित नहीं, बल्कि समाज हित में समझौते के लिए आगे आए हंै।
… तो भुगतना होगा परिणाम: धार्मिक मालविया
समझौते को लेकर सूरत पास के समन्वयक धार्मिक मालविया ने बताया कि विट्ठल रादडिय़ा ने हार्दिक से दोबारा मुलाकात की, जो अच्छी बात है। वे अगर समाज के हित में वह समझौता कर रहे हैं तो पास को कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन समझौता वर्ष 2017 को ध्यान में रखकर किया जा रहा हो तो इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने होंगे। मालविया ने शनिवार की मुलाकात को लेकर कहा कि वह अभी हार्दिक से मिले नहीं है, उससे मिलने के बात ही इस वह इस संदर्भ में कुछ बताएंगे।
समझौते के लिए बनेगी दो कमेटियां
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति और सरकार के बीच समझौते के लिए शुरू हुए प्रयासों के साथ ही जल्द ही समौझाते पर बात करने के लिए दो कमेटियों का गठन किया जाएगा। पाटीदार अग्रणी और उद्यमी मुकेश कांतीलाल ने बताया कि शनिवार को सांसद विठ्ठल रादडिय़ा और हार्दिक के बीच हुई सकारात्मक मुलाकात के दौरान पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति की मांगों पर चर्चा करने के लिए पास की एक कमेटी और उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी।
मध्यस्थी की भूमिका निभानेवाली कमेटी में सांसद विठ्ठल रादडिय़ा, मुकेश कांतीलाल, महेश सवाणी, जेराम पटेल, संजय मोवलिया, बटुक मोवलिया आदि शामिल होंगे। वहीं पास कमेटी में हार्दिक पटेल तथा उनकी ओर से तय किए गए सदस्य होंगे। पास की ओर से बनाई गई कमेटी के साथ चर्चा कर उनकी बाते सरकार तक पहुंचाने और समझौता का कार्य करने काम मध्यस्थी कमेटी करेगी।
केस वापस लेने का अधिकार सरकार के पास
सांसद विठ्ठल रादडिय़ा ने कहा कि सरकार की ओर से जल्द ही हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले तथा राज्य के विभिन्न थानों में पाटीदारों के खिलाफ दर्ज मामलों को सरकार वापस लेंगी। एक ओर सरकार हार्दिक के खिलाफ चार्जशीट पेश कर चुकी है और जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार जमानत याचिका के विरोध में शपथपत्र पेश कर रही है इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पाटीदारों के खिलाफ दर्ज मामलों में सरकार शिकायतकर्ता है और सरकार के पास मामले वापस लेने का अधिकार है।