कानपुर। सावधान हो जाइये अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं और वह स्कूल जाते हैं या घर के बाहर खेलते है, तो उन पर अपनी नजर बनाए रखें क्योकि शहर में मानव तस्करी गैंग सक्रिय हो चुका है।
इस गैंग के सदस्य मंगलवार को दिन दहाड़े स्कूल के बाहर से सातवीं की छात्रा का अपहरण कर वैन में ले जा रहे थे। लेकिन छात्रा की सूझ-बूझ और राहगीर की मदद से उसने अपनी जान उन अपहृताओं से बचा ली। मामले की जानकारी होने पर एसपी सिटी व शहर के तीन थाने की फोर्स छात्रा के घर पहुंची।
चमनगंज थानाक्षेत्र स्थित नालारोड के पास रहने वाले मोहम्मद रईस ने बताया कि उनकी पोती गौशयाना क्षेत्र के ही आईशा सिद्दकी विद्यालय में कक्षा सात में पढ़ती है। इस समय स्कूल में परीक्षाए चल रही है।
मंगलवार की दोपहर पोती स्कूल से परीक्षा देकर पैदल ही घर आ रही थी। तभी उसे स्कूल के बाहर महिलाओं के बुरखे में एक युवक मिला और छात्रा से सड़क पार करने की बात कहीं। इस पर छात्रा ने उसका हाथ पकड़ कर रास्ता पार कराने लगी।
वहीं सड़क के उस पार खड़ी वैन के पास पहुंचते ही युवक ने छात्रा को गोद में उठा लिया और कार में बैठाकर फूलबाग की ओर चल पड़ा। छात्रा के मुताबिक वैन में तीन लोग बैठे थे। फूलबाग के पास पहुंचते ही चालक ने कार रोक दी और उसमें बैठे दो युवक नीचे उतर कर समान खरीदने लगे।
इसी बीच छात्रा ने अपने होशियारी दिखाते हुए सड़क पर जा रहे एक सरदार को रोका और खुद को अपहरण किए जाने की बात कहते हुए मदद की बात कहीं। इस पर सरदार ने चुपके से कार का गेट खोलकर बच्ची को बचाया।
जान बचाकर पहुंची छात्रा ने परिवार को आपबीती बयां। इस पर पीडि़त ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर एसपी सचीन्द्र पटेल चमनगंज, कर्नलगंज, बजरिया थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गई। एसपी ने बताया कि छात्रा के बयान के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
मानव तस्करी के लिए तो नहीं हो रहे मासूमों के अपहरण
शहर में बीते कई दिनों में बच्चों के अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। हाल ही में शहर से लगभग तीन बच्चों का अपहरण हो चुका है। सू़त्रों के मुताबिक इन अपहरणों के पीछे मानव तस्करी हो सकती है।
कुछ दिन पहले पुलिस ने एक व्यापारी के बच्चे को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया था। पुलिस की पूछताछ में अपहरणकर्ताओं ने बच्चों को मारकर उनके शरीर के अंग बेचने की बात कबूली थी।
मंगलवार को स्कूल के बाहर से नाला रोड की रहने वाली गौसियाना का बदमाशों ने अपहरण करने का प्रयास किया लेकिन बच्ची उनके चंगुल से मुक्त हो गई। कुछ दिन पहले हरबंश मोहाल से एक बच्चे व कल्याणपुर से एक बच्ची का अपहरण हो चुका है।
पनकी से एक बच्ची को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के जाल से मुक्त कराया था। बिठूर में भी किशोरी को बेचने के प्रयास में थे बदमाश। बीते माह कई बच्चों की लाशें शहर से पुलिस को बरामद हुई है। इनके पीछे पुलिस मानव तस्करी का एंगल भी ढूढ़ रही है।
सू़त्रों की मानें तो अपहरणकर्ताओं मासूमों के अंगों को मुंह मांगें दामों पर बेचते हैं। सू़त्रों के मुताबिक अपहरण के बाद बच्चों को वापस करना खतरनाक साबित हो रहा है इसलिए बदमाशों ने इस घिनौने कार्य को कमाई का जरिया बनाया है। पुलिस भी दबी जुबान मानव दस्करी से इनकार नहीं कर पा रही है।