बहराइच। एक तरफ जहां प्रदेश के मुखिया पुलिस को आम जनता से बेहतर तरीके से पेश आने की हिदायत देते हैं वहीँ दूसरी और यूपी पुलिस अपने कार्यों से प्रदेश सरकार व अपनी छवि धूमिल करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है।
ताजा मामला प्रदेश के जनपद बहराइच का है, जहां की दरगाह पुलिस ने एक गाड़ी चोरी होने के आरोप में युवक को पहले पूछताछ के लिए थाने बुलाया और फिर पांच दिन तक उसके साथ अमानवीय तरीके से उसके गुप्तांगों को क्षति पहुंचाते हुए मानवाधिकार की धज्जिया उड़ा दीं।
दीगर बात यह है कि आरोप न सिद्ध होने पर उसे छोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों ने उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। एसपी ने मामला को गंभीरता से लेते हुए एसओ को निलंबित कर दिया और मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी है।
जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में दर्द से कराह रहा ये युवक सोनू है। जिसे दरगाह पुलिस ने एक गाड़ी चोरी की वारदात में शामिल होने के मात्र शक के आधार पर पांच दिनों तक इस कदर पीटा कि वो चलने फिरने के लायक ही नही रहा है।
सोनू की मां बिस्मिल्ला का आरोप है कि उसके बेटे से हीटर पर पेशाब करवाया गया, इतना ही नहीं बर्बरता की सारी हदों को पार करते हुए उसके गुप्तांग में पेट्रोल तक डाल दिया और जब उसके खिलाफ कोई सुबूत नही मिला तो पांच दिनों बाद उसे छोड़ दिया।
अब सोचने वाली बात ये है कि जब वो निर्दोष था तो आखिर पुलिस को किसने ये अधिकार दे दिया कि एक निर्दोष को इस कदर पीटा जाए की वो बेदम हो जाए। घटना की जानकारी होने पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर दिनेश त्रिपाठी जिला अस्पताल पहुंचकर पीडि़त का हाल जाना और आश्वासन दिया कि उसके साथ अन्याय नही होगा।
जब इस संबध में पुलिस अधीक्षक सालिकराम वर्मा से बात की गई तो उन्होने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। दरगाह एसओ अजीत वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बाकी बिंदुओ पर जांच कराई जाएगी।