नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई सम्बन्धी तमिलनाडु सरकार के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस का मानना है कि तमिलनाडु सरकार का यह फैसला राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है। मामले पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे सात आरोपियों की रिहाई करने का फैसला लिया है। फैसले पर केंद्र सरकार की अनुमति लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय गृहमंत्रालय को एक पत्र भी भेजा गया है।
तमिलनाडु सरकार के फैसले को कांग्रेस राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देख रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करके मुख्यमंत्री जयललिता वोट हासिल करने की फ़िराक में है। लेकिन कांग्रेस इस फैसले का विरोध करेगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को यहां कहा कि वह इस सम्बन्ध में कोई निजी टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन वह इस बात का इंतजार करेंगे कि उनके पिता के हत्यारों की रिहाई पर केंद्र सरकार क्या फैसला लेती है?
जानकारी हो कि राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपी वी. श्रीहरन उर्फ़ मुरुगन, टी. सुथेंद्रराजा उर्फ़ संथन, ए. जी. पेरारिवलन उर्फ़ अरिवु, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी को तमिलनाडु सरकार इस आधार पर रिहा करना चाहती है कि यह सभी पिछले 24 साल से जेल में हैं। आरोपी नलिनी ने भी अपनी रिहाई के मद्रास उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दाखिल कर रखी है।