जयपुर। विधानसभा में उठाए गए एक मुद्दे पर कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी और कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर सदन के बाहर भिड़ गए। दोनों के बीच कैमरों के सामने जमकर बहस हुई और आरोप प्रत्यारोप लगे।
दरअसल कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर ने फार्म पोंड के आवेदन मंजूर करने के लिए 10.10 हजार रुपए की रिश्वत का आरोप सदन के भीतर लगाया था। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी उसी पर अपना पक्ष रखने के लिए बाहर मीडिया के सामने आए और उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया।
संयोग से घनश्याम मेहर भी उस समय वहां मौजूद थे। सैनी के पक्ष रखते ही घनश्याम मेहर ने भी कैमरे पर आकर फिर आरोप दोहराए, उस समय तक कृषि मंत्री वहां ही खड़े रहे। मेहर अपनी बात पूरी कर सीधे कृषि मंत्री से मुखातिब हुए, थोड़ी ही देर में दोनों में गर्मागर्म बहस और आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए।
करीब डेढ़ मिनट तक मंत्री.विधायक कैमरों के सामने आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे। बाद में मीडियाकर्मियों और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया।
इस मामले में विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भ्रीं पक्ष विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। घनश्याम मेहर के सवाल पर नोंकझोंक की शुरुआत हुई।
घनश्याम मेहर ने आरोप लगाया कि करौली जिले में किसानों से 10.10 हजार रुपए की रिश्वत लेकर फार्म पोंड की मंजूरी दी गई है। किसान परेशान है। इसके जवाब में कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि फार्म पोंड का अनुदान केंद्र सरकार की स्कीम के तहत मिलता हैए केंद्र ने अनुदान कम किया है।
फार्म पोंड पर अनुदान 60 हजार रुपए से घटाकर 52,500 रुपए किया है। करौली जिले में सबसे ज्यादा 530 फार्म पोंड मंजूर किए हैं। कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
भाजपा विधायक मानसिंह गुर्जर ने कहा कि करौलीए सवाईमाधोपुर जिले में समतल क्षेत्र के हिसाब से अनुदान मंजूर करने से कम हुआ है अगर डांग के पथरीले क्षेत्र के हिसाब से मंजूर करते तो यह अनुदान 90 हजार रुपए मिलता। कृषि मंत्री ने फार्म पोंड के मापदंडों पर फिर से विचार करने के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की।