सबगुरु न्यूज-सिरोही। शिवरात्रि पर्व के एक दिन पहले सेवा भारती के अह्वान पर रविवार को सिरोही के निकट सारणेश्वर महादेव मंदिर परिसर की सफाई में शहर के बच्चे, युवा व बुजुर्ग तक जुट गए। सामूहिक प्रयासों से महाशिवरात्रि मेले से एक दिन पूर्व चमचमा गया।
सेवा भारती ने महाशिवरात्रि से पूर्व सारणेश्वर धाम की सफाई का आह्वान किया था। इस पर सवेरे सात बजे सिरोही के हर उम्र के लोग वहां पहुंचे। समाजसेवी मुकेश मोदी के साथ सिरोही सभापति ने भी वहां पर नगर परिषद सहयोग दिया।
एक धर्मशाला से ही चार ट्रॉली कचरा
मंदिर के ठीक पास स्थित एक धर्मशाला में ही करीब चार ट्रॉली कचरा निकला। मंदिर के एकदम निकट होने के कारण हर कोई इसी में कचरा फेंकता था। सफाई कार्य में ही मौजूद समाजबंधुओं से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने यहां पर सफाई करवाने की अनुमति नहीं दिए जाने की मजबूरी से अगवत करवाया।
मंदाकिनी कुंड के आउटलेट की जिम्मेदारी युवाओं की
सारणेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य द्वारा के उत्तर में एक कुंड है। इसमें गोमुख से निंरतर स्वच्छ पानी आता रहता है। इसका इस कुंड का आउटलेट एक बड़े सीमेंटेड नाले के माध्यम से मंदाकिनी तालाब में जाता है। कुंड और तालाब के बीच का यह नाला भी कचरे से अटा पड़ा था। देवनगरी युवा संस्थान ने एकजुट होकर इसकी सफाई की।
गंदे नालों की सफाई कर डाला डीडीटी
सारणेश्वर धाम के परकोटे के अंदर गांव है। इस गांव के मकानों का गंदा पानी एक अन्य नाले से परकोटे के बाहर जाता है। यह नाला भी कीचड़ से अटा हुआ था। इसकी भी लम्बे समय से सफाई नहीं की गई थी। शिवरात्रि के दिन यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए इसकी सफाई करके डीडीटी डाला गया।
इस जहर की सफाई के लिए बनना होगा नीलकंठ
समुद्र मंथन में निकले प्रकृति प्रदत्त हलाहल (जहर) को तो नीलकंठ ने पी लिया, लेकिन उनके मंदिर के बाहर ही उनके भक्तों के द्वारा फैलाए जा रहे पॉलीथिन का जहर कौन पियेगा इसका जवाब सफाई करने को जुटे लोगों के बीच अनुत्तरित रहा। मंदिर परिसर में सबसे ज्यादा पॉलीथिन का कचरा निकला।
इसे लेकर मंदिर परिसर में सफाई करने के लिए जुटे शहरवासियों में यह राय भी बनी की पॉलीथिन के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चले। सहकार भारती के मुकेश मोदी ने इसके लिए एक अभियान चलाने पर सहमति भी दी। सफाई के बाद सिरोही उपखण्ड अधिकारी ने सारणेश्वर मंदिर परिसर तथा उसके बाहर स्थित दुकानदारों को पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित भी किया।