नई दिल्ली। लिकर किंग विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई की शिकायत के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय विजय माल्या से उन पैसों के बारे में जानना चाहती है जो उन्होंने बैंक से कर्ज के रूप में लिया था।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने माल्या से डियाजिओ कंपनी से मिले करीब पांच सौ करोड़ रुपए उधार देने वाले बैंकों को वापस करने की अपील की है। एसबीआई ने बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने पर माल्या की गिरफ्तारी और पासपोर्ट जब्त करने की भी मांग की है।
एसबीआई ने तीन याचिकाएं भी दाखिल की हैं। एसबीआई सहित 17 अन्य बैंक माल्या से किंगफिशर एयरलाइन को दिए गए करीब 7000 करोड़ रुपए के बकाए कर्ज को वापस करने की मांग कर रहे हैं।
डीआरटी ने माल्या और बैंक के साथ 4 मार्च को हुई सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले दिनों डियाजिओ ग्रुप ने विजय माल्या को यूबी ग्रुप प्रमोटर पद से बाहर होने के लिए 500 करोड़ रुपए देने की डील की थी। माल्या ने यूनाइटेड ब्रेवरिज को डियाजिओ ग्रुप को बेच दिया था।
इस बीच किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारी संजय डे ने लंबे समय से बंद पड़ी कंपनी के अध्यक्ष विजय माल्या पर कर्मचारियों को वेतन ना दिए जाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग है।
उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से कंपनी अध्यक्ष ने वेतन नहीं दिया है। हमें आश्वासन दिया गया था कि एक निवेशक किंगफिशर में निवेश करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कंपनी के पूर्व कर्मचारी ने बताया कि इस संबंध में उसने प्रधानमंत्री मोदी को भी ई-मेल भेजा था, जिसका जवाब छह महीने बाद आया। उसने यह मेल नागर विमानन मंत्रालय को भी भेजा, जिसका जवाब दो महीने बाद आया जिसमें कहा गया है कि यह एक निजी मामला है।
जानकारी हो कि विजय माल्या ने रविवार को कहा था कि वह सभी बैंकों से एक साथ सेटलमेंट के लिए बात कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों की उधारी उनकी व्यक्तिगत नहीं हैं। माल्या ने आरोप लगाया कि सभी कर्जों के लिए उन्हें ‘पोस्टर बॉय’ बनाकर कैंपेन चलाया जा रहा है।