उज्जैन। महाशिवरात्रि के अवसर पर उज्जैन में सिंहस्थ 2016 की पूर्व झलक दिखाई दी। करीब 2 लाख भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।
पुलिस विभाग और प्रशासन ने सिंहस्थ की व्यवस्थाओं की रिहर्सल करने का प्रयास किया। देखने में आया कि यह प्रयास नाकाफी रहे। एक बार फिर पुलिस और प्रशासन को बैठकर मंथन करना होगा कि सिंहस्थ में जो व्यवस्थाएं तय की गई हैं उनमें से कौन से बिन्दु ऐसे थे जिनका पालन सोमवार को नहीं हो सका।
ज्ञात रहे सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में भीड़ नियंत्रण फेल रहा। वहीं तय करने के बावजूद आम श्रद्धालु मोबाइल लेकर नंदी हॉल क्षेत्र तक पहुंच गए। ऐसे में किसी भी आतंकी गतिविधि से इंकार नहीं किया जा सकता।
महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार जिस प्रकार शहर के समीपस्थ क्षेत्रों से लेकर अन्य राज्यों तक श्रद्धालुओं के बीच बाबा महाकाल के दर्शन करने हेतु हलचल रही, उसने संकेत दिया कि महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों का इतना अधिक उत्साह है तो सिंहस्थ में क्या होगा?
पार्किंग स्थल से लेकर शहर के प्रवेश मार्गों तक, पुराने शहर के गली-चौराहे से लेकर महाकाल क्षेत्र में स्थित सभी मंदिरों और रामघाट तक श्रद्धालुओं को जमावड़ा दिखाई दिया। हालांकि भक्तों की सेवा के लिए विभिन्न सेवा संस्थाओं ने न केवल फलाहारी भोजन की व्यवस्था की, बल्कि दूध, छाछ व लस्सी भी परोसी।
श्रद्धालु इन सबसे खुश तो थे लेकिन चिलचिलाती धूप ने उन्हें आहत किया। वे छांव ढूंढते रहे और पसीने से सराबोर होते रहे। इस बिन्दु पर भी जिला प्रशासन को ध्यान देना होगा।
एक बार और
सिंहस्थ को देखते हुए कलेक्टर व एसपी ने महाकालेश्वर मंदिर समिति की बैठक में यह तय किया था कि वीआईपी किसी भी स्थिति में नहीं होंगे। सभी को आम श्रद्धालुओं के समान प्रवेश दिया जाएगा। इस निर्णय का सीधा उल्लंघन जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के जिम्मेदार कतिपय अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया। इसकी बानगी चित्रों में देखी जा सकती है। पुलिसवालों ने जमकर अनाधिकृत प्रवेश कराया। यह आरोप गूंजते रहे।
एक से डेढ़ घंटे में हुए दर्शन
बाबा महाकालेश्वर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु लाइन में लगे थे। लाइन में लगे श्रद्धालुओं को तकरीबन एक से डेढ़ घंटे में दर्शन हो सके। दर्शनार्थियों को लाइन में खड़े रहने के दौरान तेज धूप का सामना भी करना पड़ा।
600 लोगों को मिलाया
महाकाल थाने के समीप बने खोया-पाया केन्द्र की जिम्मेदारी नगर सुरक्षा समिति थाना खाराकुआ को सौंपी गई थी। केन्द्र पर रविवार रात से ही नगर सुरक्षा समिति के सदस्य उद्घोषणा करते रहे। समिति संयोजक मुकेश चौरसिया ने बताया कि सोमवार देर शाम तक 600 लोगों के गुम होने की सूचना लाउड स्पीकर पर दी गई। शत प्रतिशत लोग अपने परिजनों से मिल गए।
पर्स से लेकर मोबाइल हुए गुम
खोया पाया केन्द्र पर जहां एक ओर लोगों के गुम होने की सूचना लाउड स्पीकर पर दी जा रही थी, वहीं कई श्रद्धालु मोबाइल और पर्स गुम होने की शिकायत लेकर भी केन्द्र पर पहुंचे थे। श्री चौरसिया के अनुसार सोमवार शाम तक 6 मोबाइल और 3 पर्स गुम होने की जानकारी केन्द्र पर आई थी। जबकि 1 पर्स पुलिसकर्मी को मिला था जो कि केन्द्र पर जमा कर दिया गया।
मेडिकल टीम रही तैनात
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तीन टीम मंदिर परिसर में तैनात की गई थी। जिसमें चिकित्सक, नर्स और बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल थे। सोमवार देर शाम तक किसी भी श्रद्धालु को चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ी।
लंबी लाइन से परेशान
महाकाल मंदिर में बाबा महाकालेश्वर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को लंबी लाइन और झीगझेग से होकर गुजरना पड़ा। हालांकि कुछेक स्थानों को छोड़ दिया जाए तो कहीं पर भी श्रद्धालुओं को रूकने नहीं दिया जा रहा था। श्रद्धालुओं को हरसिद्धि मंदिर चौराहे से लाइन में लगाया गया जो रुद्रसागर के समीप बनाए गए निर्गम द्वार से निकल रहे थे।
प्रतिबंध के बाद भी मंदिर प्रांगण में ली सेल्फी
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल मंदिर परिसर में मोबाइल लाने पर प्रतिबंध लगाया था। बावजूद इसके सोमवार को अधिकांश श्रद्धालुओं के हाथों में मोबाइल नजर आए। कुछ वीडियो बना रहे थे तो कुछ मंदिर प्रांगण में ही अपने परिचितों के साथ सेल्फी लेते रहे।
जल द्वार पर रही भीड़
लंबी लाइन से होकर दर्शन के लिए नंदी हॉल में पहुंचने के पहले जल द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगती रही। हालांकि यहां तैनात पुलिसकर्मी और प्रबंध समिति के कर्मचारी लगातार श्रद्धालुओं को आगे बढ़ाते रहे। लेकिन यहां श्रद्धालुओं के बीच बाबा महाकाल को जल चढ़ाने की होड़ दिखाई दी।
वीआईपी की रही भरमार
सोमवार तडक़े भस्मारती के बाद से ही दिनभर वीआईपी की भरमार रही। जिनमें अन्य संभागों से आए पुलिस व प्रशासनिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित उनके परिजन शामिल थे। जिन्हें पुलिसकर्मी वीआईपी गेट से महाकाल बाबा के गर्भगृह तक ले जाते दिखाई दिए।
नंदी हॉल में श्रद्धालुओं ने मचाया शोर
गर्भगृह में प्रतिबंध के बावजूद वीआईपी और प्रभावशाली लोगों के प्रवेश करने के दौरान घंटों लाइन में लगकर दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को जब नंदी हॉल से बाबा महाकालेश्वर के दर्शन नहीं हो पा रहे थे तो उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के समक्ष आपत्ति जताई। इस दौरान कुछ श्रद्धालुओं ने शोर भी मचाया।