लखनऊ। उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर अपनी बहाली को लेकर 10 मार्च को मुख्यमंत्री आवास पर धरना देंगे। उन्होंने इस सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जावीद अहमद को ईमेल के जरिये सूचित भी किया है।
अमिताभ ठाकुर का कहना है कि उनके साथ शासन की तरफ से भेदभाव किया जा रहा है। ठाकुर की पत्नी व सामाजिक कार्यकर्ता डा नूतन ठाकुर ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि एक वृद्ध व्यक्ति को अकारण थप्पड़ मारने के कारण लखनऊ के निलंबित डीआईजी डीके चौधरी को 15 दिनों के अन्दर बहाल कर दिया गया लेकिन, आठ महीने से निलंबित रखे गए अमिताभ के बारे में शासन अभी तक कोई निर्णय नहीं ले रहा है।
इससे आहत आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने 10 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री के 5, कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास के सामने बैठने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा है कि उन्हें जुलाई 2015 में गलत के खिलाफ आवाज उठाने के कारण निलंबित कर दिया गया और आज तक निलंबित रखा गया है जबकि 90 दिनों की अवधि बीतने के बाद उनका निलंबन आदेश विधिशून्य हो गया है।
अमिताभ के अनुसार इसके विपरीत श्री चैधरी को 24 फरवरी को थप्पड़ मारने की घटना सामने आने और इस सम्बन्ध में डीजीपी और मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान लेने और जाँच के बाद निलंबित करने पर भी तत्काल बहल कर दिया गया जो साफ दर्शाता है कि उनके साथ भारी भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि उनके लिए यह जरुरी हो गया है कि वे अपने की व्यथा और कष्ट को प्रकट करें और इस हेतु वे 10 मार्च को मुख्यमंत्री आवास पर अकेले बैठेंगे।