नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता में हुई दोगुना से अधिक बढ़ोत्तरी से पार्टी काफी उत्साहित है।
भाजपा नेताओं का मानना है कि राज्य में पार्टी का बढ़ता जनाधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वास्तविक विकास सम्बन्धी सार्थक कदमों का परिणाम है। राज्य की जनता का मोह अब वाम मोर्चा और तृणमूल दोनों से ही भंग हो चुका है और वह आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन का इंतजार कर रही है।
जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल में 2011 में भाजपा की कुल सदस्यता करीब 3 लाख थी, जो 2013 में बढ़कर 7 लाख से अधिक हो गई। पिछले 6 माह में पार्टी से 2 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। भाजपा प्रवक्ता और पार्टी की बंगाल इकाई के सहप्रभारी सिद्धांत नाथ सिंह कहते हैं कि पार्टी की युवा शाखा एबीवीपी में पिछले एक साल के दौरान 45,000 नए कार्यकर्ता जुड़े हैं। इसी तरह पार्टी की अल्पसंख्यक एवं महिला शाखाओं की सदस्यता में भी 50 फीसदी की वृद्धि हुई है।
भाजपा प्रवक्ता सिंह के अनुसार पश्चिम बंगाल में भाजपा की सदस्यता बढ़ने के पीछे जो दो मुख्य कारक हैं, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के विकास कार्य और विकास सम्बन्धी नीतियों पर जनता का बढ़ रहा भरोसा और राज्य में एक सशक्त विपक्ष का अभाव है।
राज्य में जनता का ऐसा उत्साह या तो 90 के दशक के शुरू में राम मंदिर आंदोलन के दौरान देखा गया या फिर केंद्र में अटलबिहारी वाजपेयी के शासन के दौरान और अब प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा पूरे देश में है। बंगाल इससे अलग नहीं रहा।
यही वजह है कि पार्टी को पूरी उम्मीद है कि वह राज्य विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल को शिकस्त देकर राज्य ने जनता के हितों के रूप में सरकार का गठन करेगी।