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महिला दिवस के दिन सम्मान को तरसती रही कुंवर बाई - Sabguru News
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महिला दिवस के दिन सम्मान को तरसती रही कुंवर बाई

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महिला दिवस के दिन सम्मान को तरसती रही कुंवर बाई
Kunwar bai from Kotabharri village of Dhamtari
Kunwar bai
Kunwar bai from Kotabharri village of Dhamtari

धमतरी। कुंवरबाई उस शख्सियत का नाम है। जिसका प्रधानमंत्री ने पैर छुकर सम्मान किया था। मगर विडंबना है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन वह महिला सम्मान को तरसती रही। जिसे लेकर उसके परिवार ने भी नाराजगी जताई है।

मीडिया के द्वारा जब मामला उछाला गया, तब कुंवरबाई के सम्मान की याद आई फिर शासन प्रशासन के नुमाइंदे उसकी दहलीज तक उसका सम्मान करने पहुंचे थे।

गौरतलब हो कि आठ मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। जिसमें प्रशासन द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर ऐसी महिलाओं का सम्मान किया जाता है। जो अपने जीवन में कुछ ऐसा कारनामा कर जाएं जो लोगों के लिए सीख हो और उसकी राह में चलने से लोगो को बेहतर जीवन का रास्ता मिले।

धमतरी जिले में चंद किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम कोटाभर्री में रहने वाली 104 वर्ष की बुजुर्ग महिला कुंवर बाई ने भी कुछ ऐसा ही संदेश दिया था। जो स्वच्छता को लेकर था। महिला ने अपनी बकरियों के बेचकर अपने घर में शौचालय बनाया था। जिसकी वजह से उसे जिले में स्वच्छता दूत का दर्जा भी दिया गया।

इतना ही नहीं जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डोंगरगढ़ आए थे। तब बुजुर्ग महिला का पैर छुकर उसका सम्मान भी किया गया था। कुंवरबाई के जीवन का यह सबसे अहम समय था। उसके साथ उसके परिवार के लोग भी खुद पर गर्व करने लगे थे। मगर महिला दिवस के दिन जो उन लोगो के साथ हुआ उससे उसका पूरा परिवार नाराज है।

कुंवरबाई की बेटी सुशीला यादव के साथ परिवार के अन्य लोगो ने बताया कि प्रशासन महिला दिवस के दिन कार्यक्रम आयोजित कर महिला दिवस मना रहा,मगर कुंवरबाई इस दिन सम्मान के लिए तरसती रही, जब कुंवरबाई को प्रधानमंत्री से सम्मान मिलने वाला था।

तब प्रासानिक नुमाइंदे रोजाना घर के चक्कर लगा जाते थे। लेकिन महिला दिवस के दिन कुंवरबाई का सम्मान करना जरुरी नहीं समझा गया। वे लोग सुबह से उनका इंतजार कर रहे थे, लेकिन कोई भी नही आया था।

कुंवरबाई का अपमान : आनंद

पीसीसी सचिव व युवा नेता कुंवरबाई क सम्मान करने उसके गांव पहुंचे थे। जब उन्हें यह खबर लगी की प्रशासन की ओर से कुंवरबाई को भूला दिया गया है। पवार ने इसे कुंवरबाई का अपमान बताया, कहा कि चंद रोज पहले कुंवरबाई को स्वच्छता दूत की उपाधि देकर नवाजा गया था।

कुछ दिन के भीतर ही मोदी सरकार और स्थानीय प्रशासन की पोल खुल गई है। जिससे पता चलता है कि कुंवरबाई का सम्मान न सिर्फ दिखावा था। बल्कि अपनी योजनाओं के लिए कृत्रिम आदर्श स्थापित कर भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। भाजपा सरकार की नियत वृद्घा का सम्मान करने से दूर है।

शाम को आई याद कुंवर बाई

ज्ञातव्य हो कि महिला दिवस के दिन कुंवरबाई सम्मान को तरसती रही, कुछ मीडिया कर्मी जब उसके घर गए, कुंवरबाई के साथ उसके परिवार के लोग नाराजगी जाहिर करे। मीडिया के कुछ सदस्य इस संबंध में प्रासासनिक नुमाइंदों के साथ कुछ जनप्रतिनिधियों से भी इस संबंध में चर्चा की तब उन्हें आनन फानन में कुंवरबाई की याद आई वे लोग फौरन प्रोग्राम बनाकर कोटाभर्री गांव कुंवरबाई का सम्मान करने पहुंचे, लेकिन जब तक शाम हो गई थी।

इस संबंध में जब जिला पंचायत अध्यक्ष रघुनंदन साहू के मोबाईल पर संपर्क किया गया तब उनके फोन को किसी अन्य ने उठाया, जिसके द्वारा कहा गया कि वे लोग कोटाभर्री गांव आए है। जिला पंचायत अध्यक्ष कुंवरबाई का सम्मान कर रहे हैं। थोड़ी देर में बात कराता हूं उस समय शाम के 7 बजकर 35 मिनट हुए थे।