नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बिहार, आंध्र प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों में घूमकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हैं कि वह अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का हनन कर रही है।
वहीं, स्वयं दिल्ली सरकार तीन राष्ट्रीय टीवी चैनलों के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू (जनेवि) प्रकरण पर खबर चलाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने जा रही है। इससे साबित हो गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार स्वयं अभिव्यक्ति की आजादी नहीं चाहती है और सच दिखाने वाले चैनलों को बंद कराने की फ़िराक में है।
यह कहना है दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता का। भाजपा नेता गुप्ता के मुताबिक केजरीवाल सरकार को अभी तक अपने अधिकार क्षेत्र की जानकारी ही नहीं है।
केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने यहां कहा कि दिल्ली सरकार को यह पता होना चाहिए कि किसी न्यूज चैनल के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पास है।
इतना ही नहीं, जिन टीवी चैनलों के खिलाफ दिल्ली सरकार कानूनी कार्यवाही करना चाहती है, उनमे से जी न्यूज और न्यूज एक्स का कार्यालय नोएडा में और टाइम्स नाउ का कार्यालय मुंबई में स्थित है। इन तीनों चैनलों का कार्यालय उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थित होने के कारण केजरीवाल सरकार के किसी भी आदेश का पालन उपरोक्त राज्यों में नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री राजस्व सेवा के अधिकारी रहे हैं। उन्हें इतना तो पता होना चाहिए कि जो आदेश वह जारी कर रहे हैं, उनका पालन अन्य राज्यों में असंभव है। मुख्यमंत्री का यह कार्य पूरी तरह असंवैधानिक है।
भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता गुप्ता ने सरकार के इस दोहरे चरित्र का खुलासा करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री यदि संविधान और संवैधानिक व्यवस्था पर भरोसा करते हैं तो उन्हें इस मामले पर सीधे अदालत की शरण लेनी चाहिए। किसी भी ऐसे विवाद का हल सिर्फ अदालत से ही निकल सकता है, जो कि दिल्ली सरकार ने नहीं किया।
सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अब वह अपने विरूद्ध सत्य समाचार दिखाने वाले टीवी चैनलों को परेशान करने के लिए, उन पर केस दर्ज कराकर, उन्हें भयभीत करना चाहती है। दिल्ली सरकार का यह आचरण अराजक फासिस्टों जैसा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह दिल्ली सरकार के खिलाफ सत्य समाचार प्रकाशित करने वाले टीवी चैनलों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही कर सके। दिल्ली सरकार इस मामले में भी कानून और संविधान की खुली अवहेलना कर रही है।
उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और जनता दल युनाइटेड के केसी त्यागी ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मिलकर चैनलों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की थी। यह दोनों नेता कानून के जानकार हैं।
यदि उन्हें टीवी चैनलों के खिलाफ वास्तव में कार्यवाही करनी थी तो वह स्वयं अदालत जा सकते थे। ऐसा न करके सिर्फ जनता को गुमराह करने के लिए ही इन तीन पार्टियों ने टीवी चैनलों के खिलाफ एक मंच बनाने की शुरुआत की है। भाजपा इसका मुहतोड़ जवाब देगी।