नई दिल्ली। विजय माल्या के मुद्दे पर गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा मचा। कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि माल्या के विदेश भागने में सरकार भी जिम्मेदार है। कांग्रेस के आरोप के जवाब में सरकार ने इसके लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया।
राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि सीबीआई ने माल्या के खिलाफ 29 जुलाई 2015 को मामला दर्ज किया था, हमें लगा वह पकड़ में आ जाएंगे। सीबीआई का कहना है कि उसने लुकआउट नोटिस जारी किया है। जब इतनी एजेंसिया उसकी जांच कर रही थीं, तो उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
सबको पता है कि वह एक ऐसा परिंदा है जो आज इस डाल पर-कल उस डाल पर रहता है। उसका पासपोर्ट ज़ब्त क्यों नहीं किया? आजाद ने आरोप लगाया कि वह सरकार की वजह से भागा है। इस आपराधिक साजिश में भारत सरकार पार्टी है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने माल्या को बैंक कर्ज के लिए सिफारिश नहीं की थी। इस मामले में जो भी जिम्मेदार है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उधर लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने शून्यकाल में इस विषय को उठाया। उन्होंने इस मामले में ठोस कार्रवाई करने की मांग की।
कांग्रेस के आरोपों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि खडगे जी सहित कुछ अन्य सदस्यों ने इस विषय को उठाया है, जो काफी महत्वपूर्ण विषय है। इसमें बुनियदी विषय और खातों का सवाल है। विजय माल्या को कंसोर्टियम बैंक ने पहली मंजूरी सितंबर 2004 में की थी। इस सुविधा का फरवरी 2008 में नवीकरण किया गया।
13 अप्रेल 2009 को खातों को गैर निष्पादित आस्तियां घोषित किया गया। इसके बाद माल्या को दिए कर्ज का पुनर्गठन दिसंबर 2010 में किया गया। उन्हें प्रदान की गई कुल राशि 13 नवंबर 2015 तक सभी ब्याज सहित 9091.40 करोड़ रुपए हो गई थी।
उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए जब्ती आदेश समेत सभी संभव कदम उठाए जा रहे है। जिन बैंकों से कर्ज लिया गया, वह अदालत में गए हैं। मामला अदालत में है। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि बैंक राशि वसूलेंगे। केस फाइल किया गया है। बैंक सभी संभव कदम उठा रहे हैं। जो जानबूझकर बकाया भुगतान नहीं कर रहे हैं उनसे राशि वसूलने के हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि जब विजय माल्या बाहर थे, तब कांग्रेस की सरकार थी और फेमा के तहत मामला दर्ज किया गया था। माल्या को पिछली सरकार में सहूलियतें मिली थीं। माल्या पर 9 हजार करोड़ का कर्ज है और उनकी कई संपत्ति जब्त की गई है। बैंक एक-एक पैसा वसूलने में लगे हैं।
उधर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पैसा लेकर लंदन भागने वाले शराब के कारोबारी विजय माल्या को सरकार शांति से रहने नहीं देगी और उन्हें वापस भारत लेकर आएगी। शांति से भागने वाले उद्योगपति विजय माल्या को हम पकड़ लेंगे, इस तरह उन्हें भागने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग देश का पैसा लेकर बाजार में बेच देते हैं।
हम उन्हें शांति से जीने नहीं देंगे और माल्या को हर हाल में भारत लाया जाएगा। जानकारी हो कि सीबीआई के निगरानी के नोटिस के बावजूद बताया जा रहा है कि शराब व्यवसायी विजय माल्या देश छोड़कर निकल गए हैं। माल्या आईडीबीआई बैंक का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के 17 बैंकों के कंसोर्टियम ने विजय माल्या को भारत छोड़ने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की थी। इसी याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान भारत के अटॉर्नी-जनरल ने अदालत को बताया कि विजय माल्या देश छोड़कर जा चुके हैं।