नागौर। राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुक्रवार सुबह से शुरू हुई। बैठक का उद्घाटन सरसंघचालक डॉ.मोहनराव भागवत और सरकार्यवाह भैय्याजी (सुरेश) जोशी ने भारत माता के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर की। प्रतिनिधि सभा में देशभर के करीब 1300 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शक अशोक सिंहल से लगाकर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा तक समाज जीवन में उल्लेखनीय काम करने वाले एवं प्राकृतिक आपदाओं में दिवंगत हो चुके महानुभाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
एक साल में बढ़ी साढ़े पांच हजार शाखाएं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ.कृष्णगोपाल ने कहा कि देशभर में संघ के काम में वृद्धि हुई है। पिछले एक वर्ष में 5524 शाखाएं और 925 साप्ताहिक मिलन बढ़े है।
डॉ.कृष्णगोपाल शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 40922 शाखाएं थीं जो वर्ष 2015 में बढ़कर 51335 हो गई। इन तीन वर्षों में 10413 शाखाएं बढ़ी है। वहीं वर्ष 2016 में 5524 शाखाओं की बढ़ोतरी के साथ कुल 56859 शाखाएं हो गई है। उन्होंने बताया कि देश के कुल 840 जिलों में से 820 में संघ कार्य चल रहा है। कुल 90 प्रतिशत ब्लाकों में संघ की उपस्थिति है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि संघ की शाखाओं की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में ही ज्यादा है। 2594 नगरों में से 2406 में संघ का कार्य है। पिछले वर्ष संघ के विभिन्न शिक्षा वर्गों में 137351 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रतिनिधि सभा में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समरसता संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा होगी और सभा की सहमति से यह प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा में समाज के विभिन्न वर्गों यथा चिकित्सक, इंजिनियर, प्राध्यापक, मजदूर, किसान, व्यापारी, महिला और अधिवक्ताओं समेत करीब 1300 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
डॉ.कृष्णगोपाल ने बताया कि यह वर्ष रामनुजाचार्य की जयंती का हजारवां वर्ष, डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती का 125 वां, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और संघ के तृतीय सरसंघचालक बाला साहब देवरस का जन्मशताब्दी वर्ष है। इन चारों ही महापुरूषों ने देश में सामाजिक समरसता के लिए उल्लेखनीय काम किया।
इस बात को ध्यान में रखते यह वर्ष सामजिक समरसता के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने सामाजिक विषमता पर चिंता जताते हुए कहा कि आज भी समाज में जाति, सम्प्रदाय, वर्ण और जन्म के आधार पर भेदभाव होता है, यह समाप्त होना चाहिए।
बैठक में ये भी उपस्थित
प्रतिनिधि सभा में संघ के शीर्ष पदाधिकारियों के अलावा विश्व हिन्दू परिषद के संगठन महामंत्री दिनेश चन्द्र, राष्ट्रीय अध्यक्ष चम्पतराय, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडि़या, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह, संगठन महामंत्री रामलाल, राम माधव, शिवकुमार, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठनमंत्री महेन्द्र कपूर, किसान संघ से दिनेश कुलकर्णी, प्रभात केलकर, स्वदेशी जागरण मंच से कश्मीरी लाल, डॉ. भगवती प्रसाद, भारतीय मजदूर संघ से वी. सुरेन्द्रन, वनवासी कल्याण आश्रम से सौमेया जूरू, अतुल, सुरेन्द्र सूरी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से सुनील आंबेकर, के. रघुनंदन, लक्ष्मण, श्रीनिवास, डॉ. कैलाश शर्मा, मिलिंद मराठे, हिन्दू जागरण मंच से कमलेश, अशोक पाठक, पूर्व सैनिक कल्याण परिषद से विजय कुमार, लघु उद्योग भारती प्रकाशचन्द्र, इसके अलावा विद्याभारती, सीमा जन कल्याण समिति, सेवा भारती, भारत विकास परिषद, सहकार भारती, इतिहास संकलन समिति, प्रज्ञा प्रवाह, आरोग्य भारती, विज्ञान भारती, क्रीड़ा भारती एवं भारतीय शिक्षण मंडल समेत करीब 45 संगठनों और 42 प्रांतो के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हैं।