इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट रविवार को डेढ़ सौ साल का हो जाएगा। इस ऐतिहासिक सालगिरह समारोह का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी करेंगे। इस मौके पर देश के विख्यात विधिवेत्ताओं का जमावड़ा होगा। कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर शनिवार शाम को ही इलाहाबाद पहुंच गए।
अतीत के गौरवशाली डेढ़ सौ साल गुजार चुके इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन रविवार को सवा बारह बजे होगा। समारोह आयोजन समिति के अध्यक्ष न्यायाधीश तरुण अग्रवाल के अनुसार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस अवसर पर दस का सिक्का और दो डाक टिकट भी जारी करेंगे। सिक्के और डाकटिकट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ का चित्र बना हुआ है। समारोह डेढ़ बजे तक चलेगा। राष्ट्रपति इस खास अवसर पर तैयार की गई ‘सेस्क्युसेंटेनियल बुक’ का भी विमोचन करेंगे।
केंद्रीय विधि मंत्री सदानंद गौड़ा, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा मुख्य कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश, कई राज्यों के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद में रहे कई सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल होंगे।
कब और कौन से कार्यक्रम होंगे
मुख्य समारोह 13 मार्च से 21 मार्च तक अनवरत चलेगा। 14 को हाईकोर्ट के कर्मचारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे तो 15 को प्रतिष्ठित विधिवेत्ताओं का व्याख्यान होगा। 16 मार्च को अधिवक्ताओं की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। 17 को रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। इसी दिन एक चिकित्सा शिविर भी लगेगा जो 21 मार्च तक चलेगा। इसी श्रृंखला में लखनऊ खंडपीठ के नए भवन का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना सन 1866 में आगरा में हुई थी। तीन साल बाद इसे इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। कार्यक्रम को देखते हुए हाईकोर्ट के इर्द-गिर्द कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। रविवार को भोर से ही हाईकोर्ट के आस-पास किसी वाहन का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।
सेंटर फार इन्फॉरमेशन टेक्नालॉजी का उद्घाटन
समारोह में शामिल होने के लिए एक दिन पहले पहुंचे भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने यहां इलाहाबाद हाईकोर्ट के नवनिर्मित सेंटर फार इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी भवन का उद्घाटन भी किया। उन्होंने स्थापना दिवस समारोह के लिए बनाई गई वेबसाइट का भी शुभारंभ किया।
इस अवसर पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड समेत सुप्रीम कोर्ट के कई जज व अन्य उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि देश में यह पहला हाईकोर्ट है जहां इस तरह का केंद्र बनाया गया है। वह रविवार को संग्रहालय और आर्काइवल गैलरी का उद्घाटन करेंगे।
हाईकोर्ट ने मुकदमों के डिजिटलाइजेशन के लिए आधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से युक्त इस उच्च स्तरीय ‘सेन्टर फाॅर इन्फाॅरमेशन टक्नोलाॅजी’ भवन का निर्माण कराया है। यह भवन 20 हजार स्क्वायर फीट में बना है। ऐसा भवन देश में पहला है, जिसका निर्माण हाईकोर्ट द्वारा इलाहाबाद में कानपुर रोड स्थित हाईकोर्ट के पास किया गया। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सेंटर में किसी भी तरह से किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होगा। सेंटर में 01 करोड़ फाइलों का डेटा बनाकर कम्प्यूटर में फीड किया जायेगा, जो पूरी तरह से काॅन्फीडेंषियल होगा। डिजिटलाइजेशन किए जाने से पेपर का लोड तो कम होगा ही इससे तमाम तरह की सुविधाएं भी बढ़ेंगी। उच्च तकनीक वाला सेंटर सिर्फ और सिर्फ इलाहाबाद में है। अभी तक ऐसा भवन सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में भी नहीं है। इस सेंटर का निर्माण केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की मदद से किया गया है।