इलाहाबाद। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की 150वीं सालगिरह पर रविवार को कहा कि देश के हर नागरिक को शीर्घ अतिशीर्घ न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिए हर सम्भव प्रयास भी कर रही है।
राष्ट्रपति ने इस बात पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद भी देश के चौबीस उच्च न्यायालयों में अभी भी लाखों की संख्या में मुकदमें अनिर्णीत पड़े हुए है। इसके लिए सरकार के अलावा अदालतों और वकीलों को सामुहिक रूप से प्रयास करना पडेगा।
प्रणव मुखर्जी ने इस अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के गौरवशाली इतिहास को याद किया और बताया कि इस न्यायालय ने पंडित मदन मोहन मालवीय, तेज बहादुर सप्रु, मोती लाल नेहरू, कैलाश नाथ काटजू जैसे विद्धान अधिवक्ताओं को जन्म दिया। कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट देश की कुल जनसंख्या का छटवां हिस्सा यहां के न्याय क्षेत्र के आता है।
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर ने भी देश के विभिन्न अदालतों में बढ रहे पेंडिंग केसेज पर चिंता व्यक्त की। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उद्घाटन समारोह का सम्बोधित किया।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश डी.वाई.चन्द्रचूर्ण ने राष्ट्रपति समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर पोस्टल टिकट और दस रूपए के सिक्का जारी किया।