नई दिल्ली। चीन अपने नियंत्रण में बने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडर (सीपीईसी) की सुरक्षा के लिए अपनी सेना तैनात करने जा रहा है।
चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी का कहना है कि हाइवे की सुरक्षा के लिए ही दोनों देशों ने मिलकर यह फैसला किया है लेकिन उसकी पाकिस्तान में उपस्थिति भारत के लिए चिंता का सबब है।
चीन सरकार द्वारा किए इस घोषणा के बाद सेना ने एक अधिकारी ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में यहां कहा कि हम इस घटना पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। हमें इस बात की जानकारी है कि कितनी संख्या में चीनी सेना के जवान वहां तैनात होने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस कार्रवाई से ऐसा लगता है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाकर इसे अपना पांचवां प्रांत बनाना चाह रहा है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली की ओर से इससे पहले गिलगिट पाकिस्तान में चीन की मौजूदगी को लेकर आपत्ति जताई जा चुकी है।
जानकारी हो कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पाकिस्तान के बलूचिस्तान से मकरान कोस्ट होते हुए उत्तर की ओर लाहौर और इस्लामाबाद को जोड़ता है। यह पीओके के गिलगिट-बाल्टिस्तान होते हुए काराकोरम हाइवे को जोड़ेगा।
इस कॉरिडोर का पहला फेज दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। यह कॉरिडोर तीन साल में पूरा होगा। इसके चलते चीन को हिंद महासागर और उससे आगे वाले क्षेत्र में सीधी पहुंच हासिल हो जाएगी।