शिमला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा सोमवार को हिमाचल प्रदेश से राज्य सभा के लिए निर्वाचित घोषित हुए। आनंद हिमाचल से तीसरी बार सांसद बने हैं। उनका यह राज्यसभा में चौथा कार्यकाल होगा।
आनंद शर्मा निर्विरोध राज्य सभा के लिए चुने गए हैं। नाम वापसी का वक्त खत्म होने के बाद सोमवार को विधान सभा सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी एसएस वर्मा ने उन्हें निर्वाचित घोषित किया।
प्रदेश से राज्य सभा की सीट दो अप्रेल को खाली हो रही है। भाजपा नेत्री बिमला कश्यप के रिटायर होने की वजह से खाली हो रही इस सीट के लिए आनंद शर्मा कांग्रेस उम्मीदवार थे।
आनंद शर्मा ने 9 मार्च को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। राज्य सभा के लिए नाम वापसी का सोमवार को अंतिम दिन था।
आनंद पहली मर्तबा 1984 में हिमाचल से राज्य सभा के लिए चुने गए। इसके बाद वह 2004 में राज्य सभा सांसद हिमाचल से बने। वर्तमान में वह राजस्थान से राज्य सभा सांसद थे, मगर उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
निर्वाचन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें घर वापसी की खुशी है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश से जुड़े तमाम मुद्दों को केंद्र के समक्ष उठाएंगे।
विशेष राज्य को आर्थिक मदद के अलावा केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में धनाबंटन के अलावा प्रदेश से जुड़े तमाम मुद्दों को उठाना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
उन्होंने कहा कि रुपए की कीमत में गिरावट के अलावा सर्राफा कारोबार का मुद्दा भी अहम है। उन्होंने कहा कि सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल की वजह से देश को रोजाना 7 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। अब तक 84 हजार करोड़ का घाटा इससे हो चुका है।
उन्होंने मोदी सरकार पर देश के धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस व सरकार के खिलाफ बोलने वालों को देश द्रोही करार दिया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल, असम तथा इसके बाद उत्तर प्रदेश के चुनाव को ध्यान में रखते हुए लोगों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश भाजपा कर रही है।