रांची। झारखंड में एससी-एसटी के छात्र-छात्राओं को 4 लाख तक का एजुकेशन लोन बिना किसी गारंटी के मिल सकेगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास की पहल पर राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति ने यह फैसला लिया है।
राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के महाप्रबंधक मृत्युंजय कुमार गुप्ता ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर बताया है कि पिछले 10 फरवरी को आयोजित 54 वीं एसएलबीसी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति और जन जाति के छात्रों को शिक्षा ऋण नहीं दिए जाने पर गहरी चिंता जताई थी।
बैठक में यह बताया गया था कि चूंकि 4 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण के लिए बैंकों के द्वारा आवेदकों से कोई भी गारंटी लेने लेने का प्रावधान नहीं है। इसलिए सीएनटी या एसपीटी एक्ट के चलते चार लाख तक के शिक्षा ऋण एससी-एसटी जातियों के छात्र-छात्राओं को बांटने में कोई व्यवधान नहीं है।
गुप्ता ने बताया है कि मुख्यमंत्री की चिंता को देखते हुए बैंकों के द्वारा दिसम्बर 2015 तक 40494 छात्रों को 4 लाख तक के शिक्षा ऋण स्वीकृत किए गए, जिसमें 5050 छात्र अनुसूचित जाति एवं जन जाति के छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं।
जल्द ही सभी बैंकों द्वारा चार लाख तक के शिक्षा ऋण अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जातियों के छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसके लिए नीलकंठ सिंह मुंडा, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में टीएसी की एक उप समिति का भी गठन किया गया है।