सबगुरु न्यूज(परीक्षित मिश्रा)-सिरोही। यह विडम्बना है इस देश की कि जिस देश का प्रधानमंत्री बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का नारा देकर बेटियों के सम्मान की रक्षा करने के दावे कर रहा है, उसी प्रधानमंत्री की पार्टी के राज वाले राज्य के एक पिछडे जिले में एक मां कानून की पालना नहीं होने के कारण बेटी और परिवार के भविष्य की सुरक्षा के लिए आत्महत्या करने की गुहार कर रहा है। जबरन बेटी की शादी करवाने पर अडे जातीय पंचों के अत्याचार की गुहार लगाने पर भी जब पुलिस रिपोर्ट दर्ज करके पंचों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही। आला प्रशासनिक अधिकारी एक बेटी के सम्मान की रक्षा के लिए कोई कानूनी पहल नहीं कर रहे, तो ऐसे में मजबूर मां ने यह गुहार की कि उसे इच्छामृत्यु की इजाजत दे। जातीय पंच इस मजबूर मां की पहले से ही शादीशुदा बेटी की शादी कथित रूप से एक मानसिक विमंदित युवक से करने का दबाव डाल रहे हैं, इसके लिए पंचों ने इस परिवार को सामाजिक रूप से बहिष्कृत करके हुक्का पानी भी बंद कर दिया है।
-नहीं करने दे रहे हैं ब्याह
जिला कलक्टर को तीन मार्च को सिरोही जिले कृष्णगंज निवासी लकमाराम कलबी की पुत्री मीरा 23 साल की हो चुकी है। इसकी सगाई 17 साल पहले ही गांव के ही मानाराम पुत्र बाबाजी कलबी से तय हो गई थी। अब पुत्री की इच्छानुसार ही उसकी शादी व गौणे की तैयारी चल रही थी। इसी बीच समाज के करीब बीस पंचों ने 27 फरवरी को इनके घर पर आकर पंचायती शुरू कर दी। मीरा की शादी को तोडकर उनकी मर्जी के अनुसार शादी करने का दबाव बनाने लगे।
उनकी बात नही मानने पर पंचों ने उनके परिवार व कुटुम्ब का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। जातीय पंचों ने इन लोगों से एक लाख रुपये भी लिए। पंचों के निर्णय ने लकमाराम और मीरा दोनों के साथ पूरे परिवार को सदमें में डाल दिया है। जो आरोप पंचों पर लगाए गए हैं उसके अनुसार उनके अत्याचार की स्थिति यह है कि तीन दिन तक पंच पीडित परिवार के घर पर ही रहे। वहां पर खाना बनवा करके ढोला गया। पीडित से दंड के रूप में एक लाख रुपये भी लिए गए। इसके बाद उनका बहिष्कार भी कर दिया।
-पूर्व मुख्यमंत्री से मिले
समाज के दबंग पंचों से इस परिवार की रक्षा करने में खुद सत्ता सक्षम नहीं दिखी तो थककर यह लोग रविवार को पूर्व मुूख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष पहुंचे। गहलोत के आगमन के दौरान मीरा के पिता ने बताया कि जिस लडके से पंच शादी करवाने का दबाव बना रहे हैं वह मानसिक रूप से दुरुस्त नहीं है। ऐसे में वह जानबूझकर अपनी पुत्री का भविष्य किस तरह से बर्बाद कर सकते हैं। उन्होने बताया कि पुलिस को इसकी शिकायत भी कर दी, इसके बाद भी पुलिस इन 19 पंचों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
-जिला उपप्रमुख का क्षे़त्र और सांसद व भाजपा जिलाध्यक्ष के समाजबंधु
यह मामला उस समाज का है, जिससे जालोर के सांसद और सिरोही भाजपा के जिलाध्यक्ष संबंध रखते हैं। इतना ही नहीं सिरोही के जिला उप प्रमुख भी इसी समाज से हैं और पीडित इन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र का है। राजनीतिक रूप से कद्दावर नेता मीरा को अपनी मौजूदगी में सहर्ष विदा हो सकती है, संभवतः समाचार पत्रों में राधा की इच्छामृत्यु की गुहार पर भी ध्यान नहीं देने से स्थिति यहां तक पहुंची की पीडित को सिरोही में पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने आना पडा।
चाहते तो यह तीनों जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री जल संरक्षण अभियान के तहत कृष्णगंज में खड्डा खुदवाकर मुख्यमंत्री के सामने अपनी सीआर बढाने का प्रयास कर रहे हैं उसकी एक प्रतिशत मीरा को उसके मनचाहे वर के साथ विदा करने के लिए करते तो शायद जनता में यह संदेश जाता कि इनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार बेटी को उसका सम्मान दिलवाने में कोई रुचि है।
-पंच क्रांति की भी भ्रांति
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार देश के अन्य हिस्सों की तरह सिरोही में भाजयुमो की पंच क्रांति चल रही है। इसमें एक क्रांति बेटी बचाओ, बेटी पढाओ को लेकर ही है। जिसमें मां-बाप को इस बात के लिए प्रेरित किया जाने की व्यवस्था है कि बेटी नगीना है, लेकिन कृष्णगंज का यह मामला इस क्रांति की भ्रांति भी खोल रहा है। जिस कारण एक बेटी को उसके पैदा होने का अफसोस हो रहा है।
इनका कहना है…
भाजयुमो का पंचक्रांति अभियान जिले में भी चल रहा है। इसमें बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का नारा दिया गया है और बेटियों के स्वाभिमान के लिए जागरूकता फैलाई जा रही है। कृष्णगंज के प्रकरण में मैने अनादरा थानाधिकारी से बात की थी, उन्होंने बताया था कि जांच चल रही है।
हेमंत पुरोहित
जिलाध्यक्ष, भाजयुमो।