जयपुर। राजस्थान विधान सभा में शुक्रवार को खान महाघूसकांड को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस सदस्यों ने बोलने का मौका न देने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक घनश्याम तिवाड़ी के सवाल पर खान राज्य मंत्री घिर गए। कांग्रेस विधायक गोविंदसिंह डोटासरा ने जब पूरक प्रश्न करना चाहा तो विधान सभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी।
इस पर विपक्ष ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर खान घोटाले को लेकर गंभीर आरोप लगाए। सत्तापक्ष ने इसका विरोध किया तो सदन में दोनों पक्षों के बीच गर्मागर्म बहस हुई। नाराज विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।
भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने पुनरावलोकन समिति की जांच में दोषी पाए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई औऱ सीबीआई जांच की मांग की। तिवाड़ी और विपक्ष के सवालों में घिरे खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवां ने कहा कि हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच से मना कर दिया है।
तिवाड़ी ने कहा कि यह सरकार के लिए सबसे संवेदनशील मुद्दा है। लोकायुक्त दंतविहीन है। पिछले सात सालों में लोकायुक्त ने एक भी कार्रवाई नहीं की। यह जांच खानापूर्ति है, इसलिए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट या हाइकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में यह जांच होनी चाहिए।
उन्होंने पूछा कि इस बारे में पुनरावलोकन समिति का गठन कब हुआ और समिति से सीवीसी,कैग ने जो पत्रावली मांगी उसका क्या हुआ। लोकायुक्त को सिर्फ राय देने के लिए जिम्मा सौंपा, क्या कार्रवाई की सिफारिश के लिए कहा गया। मेरे सवाल लगाने के बाद 26 फरवरी 2016 को लोकायुक्त के लिए कुछ पद सृजित किए गए।
यह मामला कोल ब्लॉक प्रकरण जैसा ही है। कैग को यह कहा गया कि मूल पत्रावली लोकायुक्त को भेज दी है,इसलिए नहीं दी जा रही है। 1900 फाइलें निरस्त की गईं,सरकार को कोर्ट में जाना चाहिए था। लोकायुक्त को जांच देना और अन्य मामला पीछे के रास्ते से आवंटन का तरीका है। क्योंकि पहले भी जिनके आवंटन निरस्त किए उन्होंने न्यायालय से स्टे ले लिया।
यह मामला कम से कम 40 हजार करोड़ का है और सरकार को साठ हजार करोड़ का घाटा हुआ है। हमारी माइन्स नहीं बिक रही है। पुनरावलोकन समिति ने जिन्हें दोषी माना है उनके नाम, उनके खिलाफ कार्रवाई क्या हुई, अनियमितता कौन सी हुई यह सदन को बताएं।
सदन के बाहर गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि मैंने सबसे पहले पूरक प्रश्न के लिए बटन दबाया लेकिन अध्यक्ष ने मुझे मौका बोलने का मौका नहीं दिया। इस मामले में मुख्यमंत्री तक पर आऱोप लगे हैं, अधिकारी भी शामिल हैं औऱ हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस विधायकों का रवैया नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाला है क्योंकि कांग्रेस सरकार में सदन में अनियमितता मानी गई थी और सारी खाने केंसिंल करनी पड़ी थी।
हमारे समय जब गड़बड़ी हुई तो खान विभाग के प्रमुख सचिव तक को जेल भेज दिया गया। इससे जुड़े विधायक कैलाश वर्मा के अन्य सवाल पर रिणवां ने कहा कि तय सीमा से ज्यादा दायरे में खनन करने वालों को दस गुना जुर्माना लगाया जाता है और कोई विशेष मामला हो तो जांच कराएंगे।