देहरादून। नौ बागी विधायकों द्वारा शुक्रवार रात बगावत का झंडा बुलंद किए जाने से संकट में फंसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दावा किया है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। साथ ही उन्होंने बागी कांग्रेसी विधायकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
रावत ने कहा कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है। हमारे सभी सदस्य हमारे साथ हैं। हमारी सरकार के अल्पमत में आने के लिए जो संख्या बताई जा रही है वह पूरी तरह गलत है।
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के कुछ विधायकों को भाजपा द्वारा बहकाया जाता है तो पार्टी इसका संज्ञान लेगी और ऐसे मामलों में पार्टी के भीतर जो कार्रवाई की जाती है, वह की जाएगी। रावत ने कहा कि पार्टी पता लगाएगी कि बागी कांग्रेसी विधायक कौन हैं। अभी तक केवल एक चेहरा ही सामने आया है।
बताते चले कि पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भगत सिंह कोश्यिारी के नेतृत्व में भाजपा का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के के पाल से मिला और कहा कि हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गई है और इसे बर्खास्त किया जाए।
प्रतिनिधिमंडल में उत्तराखंड मामलों के भाजपा प्रभारी श्याम जाजू और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल थे। राजभवन के सूत्रों के अनुसार भाजपा ने कांग्रेस के बागी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
हालांकि राज्यपाल ने अब रावत सरकार को 28 मार्च तक सदन में बहुमत साबित करने का समय देकर उनको तात्कालिक तौर पर राहत दे दी है। इन 9 दिनों में हरीश रावत अपनी सरकार को बचाने की संख्या जुटा लेंगे इस उम्मीद का लेकर हरीश गुट में खुशी देखी जा रही है। लेकिन इस मामले में राज्यपाल द्वारा रावत को 9 दिन का लंबा समय देने को लेकर भाजपा खेमे में दबी जुबान आलोचना भी हो रही है।
भाजपा नेताओं का मानना है कि इतना लंबा समय मिलने से हरीश रावत खरीद फरोख्त को बढ़ावा दे सकते है। इस मामले में भाजपा सांसद डा. निशंक ने कहा भी है कि जब 35 विधायकों ने लिख कर राज्यपाल को दे दिया तो इतना लंबा समय बहुमत साबित करने के लिए देना अतार्किक हो जाता है।
उधर कांग्रेस सूत्रों की माने तो बगावत का झंडा बुलंद करने वाले नौ विधायकों को दलबदल का नोटिस भेजा गया है।