गोविन्दानंद आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक गोविन्दधाम का वार्षिकोत्सव
आबूरोड। गोविन्दानंद आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक गोविन्दधाम का वार्षिकोत्सव ‘दिशा 2015-16’ समारोह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। दर्शक जड़वत होकर मोहपॉश में बंधे रहे।
प्रसार-प्रचार प्रमुख किशोर सैन के अनुसार दीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम का आगाज हुआ। इसके बाद भारत माता पूजन, स्वस्थ भारत सांस्कृतिक भारत, सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गई। विद्यार्थियों द्वारा भारत वन्देमातरम् … गीत, मत चूके चौहान… एकांकी, ना काटो मुझें … के माध्यम से वृक्ष की व्यथा का पेश की गई। भक्त नचिकेता एकांकी, कौशल्या में तेरी … अभिनय गीत की शानदार प्रस्तुति दी गई।
मुख्य वक्ता राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने भारतीय शिक्षा प्रणाली पर व्याख्यान दिया। प्रधानाचार्य बलदेव प्रजापत ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन तुलसीराम सैनी, मोहनलाल परिहार ने किया। विद्या मंदिर के समस्त आचार्य, आचार्या का सहयोग रहा।
इस अवसर पर डॉ. महावीर बंसल अध्यक्ष व वीरेन्द्र सुराणा विशिष्ट अतिथि व कपूर चन्द सिंघल मुख्य वक्ता भूराराम पुरोहित सदस्य आशिस. सिरोही व व्यवस्थापक अशोक चतुर्वेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी, नगरपलिका अध्यक्ष सुरेश सिंदल, आरएसएस के नगर कार्यवाह प्रकाश अग्रवाल, संरक्षक मधुसूदन सर्राफ , मदन गर्ग, व्यवस्थापक भरत शाह, कोषाध्यक्ष संजय जवेरी, बृजमोहन शर्मा, प्रवीण शर्मा, सतीश पुरोहित, दिलीप पांडे, डॉ. नितेश बंसल, भरतजी पुरोहित, प्राथमिक प्रधानाचार्य बृजमोहन जैसवार समेत शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
आचार्य का सम्मान
दशमीं में शत प्रतिशत परीक्षा परीणाम के तहत अंगेजी में कैलाश परमार, हिन्दी में रमेश कुमार जानी, गणित में मुकेश कुमार माली, संस्कृत में ईश्वरसिंह सोलंकी, सा.विज्ञान में यशवंतसिंह रॉव, विज्ञान में पुष्पा, कक्षा दशमीं रात्रि कालीन कक्षाओं में विशेष सहयोग देने पर तुलसीराम सैनी, सर्वाधिक समय देकर कार्य करने पर आचार्य किशोर कुमार सैन संगणक कार्य में सहयोग, प्रांत स्तर पर चार टीम भेजने पर तेजसिंह सोलंकी कार्यालय प्रमुख शारीरिक विभाग, प्रकाशचन्द धोक उपेक्षित जन शिक्षा निधि में सर्वाधिक राशि एकत्र निर्मल कुमार जैन, प्रेमप्रकाश पुरोहित, महेश बामणिया, सर्वाधिक उपस्थित आचार्य गिरिश कुमार वैष्णव, संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सर्वाधिक विद्यालय जोडऩे पर जयप्रकाश पुरोहित, हितेन्द्र राजपुरोहित का बहुमान किया गया।