सबगुरु न्यूज-सिरोही। सेंट जोसेफ कैथोलिक गिरजाघर में सेंट जोसेफ चर्च का वार्षिकोत्सव रविवार को धुमधाम से मनाया। फादर जोजो, फादर अनिल, फादर साइमन, फादर जाॅली, फादर विपिन, फादर जेम्स, फादर रिजिन व फादरगणों के सान्निध्य में मध्य रात्रि को धूमधाम से इसके तहत धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जालोर के फादर जाॅली ने आराधना के साथ इस आयोजन को प्रारम्भ किया। युवक युवतियांे ने बाइबिल का पाठ पढा। बाइबिल के सुसमाचार का वाचन फादर जोजो ने व सम्बोधन जालोर के फादर रिजिन ने किया। सेंट जोसेफ गिरजाघर में फादर जोजो, फादर जाॅली व फादर अनिल व फादर रिजिन गिरजाघर परिसर में रोजरीमाला विनती के साथ शोभायात्रा निकाली गई।
गिरजाघर के प्रवक्ता रंजी स्मिथ ने बताया कि आराधना प्रार्थना कार्यक्रम में रोजरीमाला विनती के साथ में सुबह शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा परिसर में घूमते हुए गिरजाघर के प्रवेश द्वार पर पहुंचकर फादरो के सान्निध्य में आराधना व प्रार्थना प्रारम्भ हुआ। जालोर के फादर रिजिन ने श्रद्धालुओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य में आध्यात्मिकता होना आवश्यक है।
आध्यात्मिकता से मनुष्य को ईश्वरीय प्राप्ति हो सकती है। वर्तमान में मनुष्य ईश्वरीय भक्ति को छोडकर भौतिक आवश्यकताओं की ओर दौड लगा रहा है। जिससे मनुष्य के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होने कहा कि सेंट जोसेफ ने अपने जीवन में विभिन्न कठिनाइयां आने के पश्चात भी आध्यात्मिक भाव से अपने एवं अपनों से प्रेम, त्याग व भाईचारे की भावना के साथ मनुष्य को आपस में जोडने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। मनुष्य को अपने भक्ति भाव में ईश्वर की आराधना करने पर मनुष्य का सुख ईश्वर द्वारा प्रदान की जाती है।
उन्होने कहा है कि सेंट जोसेफ ने अनेक कठिन परिस्थितियों में भी लोगो में प्रेम, भाईचारा व त्याग की भावना के साथ संदेश दिया। प्रार्थना कार्यक्रम में फादर जोजो ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य अपने जीवन में अनेकों सपने देखते हैं। सपनों को साकार करने के लिए ईश्वरीय भक्ति में लीन होना अनिवार्य है। तब ही मनुष्य का सपना जीवन में पूरा होता है।
मनुष्य की सफलता ईश्वरीय भक्ति में होना तथा परिवार में मधुर सम्बन्ध स्थापित कर अच्छे संस्कारो का समावेश कर पडोसियो के साथ प्रेम, भाव त्याग व बलिदान के साथ सम्बन्ध स्थापित करने पर ईश्वर उनके कठिन परिस्थितियों में उन्हें सही मार्ग प्रदान करते हैं। इस अवसर पर सिरोही की इसाई श्रद्धालुओं के अतिरिक्त पाली, साण्डेराव एवं आबूरोड एवं जालोर के श्रद्धालुओं ने भी इस समारोह में बचढकर हिस्सा लिया।