पटना। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकारी विभागों द्वारा दिए गए उपहारों को मीडिया में बात आने के बाद वापस करने का सिलसिला जारी हो गया है। इसकी शुरूआत करते हुए सोमवार को सदन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों से मिले गिफ्टों को लौटा दिया।
भाजपा के इन दोनों नेताओं ने प्रदेश में शिक्षकों को पिछले कई महीने से वेतन नहीं मिलने के विरोध में ये गिफ्ट लौटाए हैं। हालांकि भाजपा के अन्य नेताओं ने अभी गिफ्ट नहीं लौटाया है। दूसरी ओर गिफ्ट लौटाने की शुरुआत पर सरकार ने विपक्ष पर निशाना साधा है।
सुशील मोदी ने गिफ्ट लौटाने के साथ ही कहा कि विभाग अगर लौटाया गया गिफ्ट वापस नहीं लेगा, तो वे गिफ्ट को नीलाम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे पहले भी गिफ्ट को लौटा चुके है। वहीं, जदयू एमएलसी संजय सिंह ने इस मामले पर सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया में बने रहने के लिए वे गिफ्ट लौटा रहे हैं।
भाजपा नेता सुशील मोदी और मंगल पांडेय के गिफ्ट लौटाने पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने निशाना साधते हुए कहा कि सुशील मोदी जितने दिन सरकार में रहे उस दौरान मिले सभी गिफ्टों को भी उन्हें लौटाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि सुशील मोदी को जनता की इतनी चिंता है तो वे इन सभी गिफ्ट को जनता में ही बांट देते, लौटाने की क्या जरुरत थी। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मामले पर कहा कि जब गिफ्ट लौटाना ही था तो सुशील मोदी को गिफ्ट लेना ही नहीं चाहिए था।
उन्होंने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि जब सुशील मोदी सरकार में थे तो उनके भी मंत्री गिफ्ट देने का काम करते थे। दरअसल, मीडिया में इस संबंध में रिपोर्टस आने के बाद से ही सूबे में इसको लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा था।
इसी कड़ी में बीते दिनों भाजपा के कई नेताओं ने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विभागों द्वारा दिए गए तोहफे को वापस करने का फैसला लिया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार और प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने शनिवार को संयुक्त रूप से विभाग की ओर से मिले तोहफे को लौटाने की घोषणा की थी। इसी के बाद सोमवार को सुशील मोदी ने सरकारी विभागों की ओर से मिले गिफ्ट को लौटा दिया है।