चंडीगढ़। जाट आरक्षण विधेयक अब होली के बाद ही सदन में पेश होने की संभावना है। इसकी वजह यह है कि मंगलवार को सदन में इनेलो की ओर से पेश किए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और बजट पर भी बहस शुरू होनी है। इसके बाद सदन की 5 दिन यानि 27 मार्च तक छुट्टी है।
जा रहा है कि सरकार इस बिल को सत्र के आखिरी दिन 31 मार्च को पेश कर सकती है। इससे पहले यह संभावना व्यक्त की जा रही थी कि सोमवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में बिल के प्रारूप पर मुहर लगने के बाद इसे मंगलवार को सदन में पेश कर दिया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री रामबिलास शर्मा के अनुसार कैबिनेट की मीटिंग में जाट आरक्षण विधेयक पर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र चल रहा है, इसलिए कुछ अन्य बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए यह कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई थी।
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट की मीटिंग में मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के हमलों से बचने की रणनीति बनाई गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में एसीएस होम पीके दास, डीजीपी यशपाल सिंघल समेत कई अधिकारियों से जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर तथ्यात्मक जानकारियां ली गईं।