चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को अब दो साल के बजाय उम्रकैद की सजा होगी। इस संबंध में सोमवार को डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने विधानसभा में एक बिल पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
इसके तहत आईपीसी की धारा में संशोधन कर सजा को उम्रकैद में तबदील किया गया है। वहीं, अन्य धार्मिक ग्रंथों गीता, रामायण, बाइबल, कुरान शरीफ व अमृतबाणी का अपमान करने वालों को दस साल कैद का प्रावधान होगा। बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस के एमएलए त्रिलोचन सिंह सूंड ने सभी ग्रंथों के अपमान पर भी उम्रकैद की सजा का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया था। विपक्ष की गैरमौजूदगी में सत्ता पक्ष ने इसे खारिज कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री मित्तल ने कहा कि किसी भी धर्म की ओर से सजा के प्रावधान की मांग नहीं की गई। यदि वे करेंगे तो उन धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर भी उम्रकैद के बारे में विचार किया जाएगा।
पिछले साल फरीदकोट, लुधियाना और बठिंडा समेत कई जिलों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं हुई थीं। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदेशभर में विरोध-प्रदर्शन हुए और ऐसे मामलों में सख्त सजा के प्रावधान की मांग की गई।
यही नहीं बेअदबी की घटनाओं से सरकार की ही फजीहत हुई थी। एसजीपीसी मेंबर व मंत्रियों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। इसी वजह से सरकार को विधानसभा में यह बिल लाने को मजबूर होना पड़ा।