पाली। अरे रंग भर कैसे होरी खेलूं सांवरिया के संग, ब्रज में कैसे होरी खेलूं सांवरिया के संग, कानूड़ा के संग, सांवरिया के संग, मेरे घर मांखन परस दीजो, ओ कान्हा मत मारों पिचकारी मेरे घर सास लड़ेगी, होरी आई रे श्याम मोरी सुध लीजो, जैसे भगवान श्यामसुन्दर के सुमधुर भजनों के जरिए गोभक्त राधाकृष्ण महाराज ने भक्तों को भावविभोर कर दिया।
प्रवचन संध्या के दौरान ऐसा नजारा बना मानों साक्षात गोपियां और गवाले नाच रहे हों। बरसाना मथुरा और वृन्दावन में खेली जाने वाली होली का साक्षात रूप श्रीराम वाटिका में उतर आया। भक्त आनंद विभोर होकर भजनों को सुन रहे थे।
विश्व हिन्दू परिषद द्वारा श्रीराम वाटिका में आयोजित फागोत्सव में गोभक्त राधकृष्ण महाराज ने श्रद्धालुओं को भगवान की भगवदभक्ति के बारे में कई प्रसंग सुनाए।
संयोजक परमेश्वर जोशी शहर में निकल रहीं प्रभातफेरियों के बारे में अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रभातफेरियों की संख्या बढ़ती रहेगी तो मैं भी इस धर्ममयी नगरी पाली में सदैव आउंगा। उन्होंने प्रभातफेरी और हनुमान भक्ति की महिमा का वर्णन किया।
इस अवसर पर पंडित शंभूलाल शर्मा, गोपाल गोयल, मास्टर शंकरलाल जोशी, अशोक जोशी, हर्ष शर्मा, गोपाल अग्रवाल, विजय शंकर नाग, चिरंजीलाल शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, दीपक नाग, चंद्रप्रकाष कुमावत, कैलाश, दामादर शर्मा, भुवनेश काबरा, अजीज कोहिनूर, जितेन्द्र सोलंकी, मंजू गोयल, संतोष तापडि़या, पुष्कर, गिरीराज सहित बडी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।