शिलांग। पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में माओवादी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ये बातें असम रायफल्स के 181वें स्थापना दिवस समारोह के लिए नांगक्रेम स्थित मुख्यालय में मंगलवार को पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि पूर्वोत्तर के कुछ भागों में माओवादी अपनी जड़ों का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं और हम इसकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि असम रायफल देश के इस हिस्से से माओवादियों को जड़ से उखाड़ पाने में कामयाब होगी।
उन्होंने कहा कि देश को अस्थिर करने की कोशिश हो रही हैं और जिस तरह से हमारे सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल और पुलिस बल उग्रवादियों और चरमपंथियों से निपटते हैं, हतोत्साहित करते है और उन्हें गिरफ्तार करते है उस पर मुझे फक्र है।
इससे पहले गृहमंत्री ने असम रायफल के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एचजेएस सचदेव की मौजूदगी में लाइखोर गैरीसन में सौ फुट लंबे राष्ट्रीय ध्वज को फहराया।
असम राइफल्स के 181वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ‘सैनिक सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राजग सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार का केंद्र बनाना चाहती है, साथ ही चाहती है कि इस क्षेत्र में शांति कायम हो।
उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण है और जैसे जैसे कनेक्टिविटी बेहतर होगी, वैसे वैसे कारोबार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हम पूर्वोत्तर क्षेत्र को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार का केंद्र बनाना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए शांति कायम होना जरूरी है।
गृह मंत्री ने कहा कि असम राइफल्स का गौरवमयी अतीत रहा है और इसने पूर्वोत्तर में शांति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत-म्यामांर सीमा से असम राइफल्स को हटाने और उसके स्थान पर दूसरे अर्द्धसैनिक बलों को लगाने से इंकार करते हुए गृह मंत्री कहा कि अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं किया गया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं किया है। ऐसी खबरें आई थी कि केंद्र सरकार ने इस सीमावर्ती क्षेत्र की निगारानी एवं सुरक्षा का दायित्व दूसरे अर्द्धसैनिक बल भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को सौंप सकती है।
गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में जिस तरह का विकास देखने को मिल रहा है, वह पिछले सात दशकों में देखने को नहीं मिला।