नई दिल्ली। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सरकारी अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे सक्रिय रूप से अधिक से अधिक जानकारी दें ताकि अधिकारियों द्वारा रोकी गई जानकारी प्राप्त करने के लिए लोगों को आरटीआई आवेदन करने की जरूरत न पड़े।
इस संबंध में समय-समय पर सरकारी अधिकारियों के ध्यान में यह बात लाई है कि वे किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत सूचना को प्रकट नहीं कर सकते क्योंकि यह लोकहित से नहीं जुड़ा है।
कुछ हितधारकों ने व्यक्तिगत सूचना दिए जाने पर आपत्ति की है, क्योंकि इससे सूचना मांगने वाले की जान खतरे में आ सकती है।
अविषेक गोयनका बनाम भारत संघ मामले में कोलकता उच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर तथा हितधारकों के हित में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग 15 दिनों के अंदर हितधारकों से प्रारूप ओएम पर टिप्पणियां आमंत्रित कर रहा है।
शिकायतों का समाधान 60 दिनों के भीतर हो
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सक्रिय शासन संचालन तथा योजनाओं को समय से लागू करने के लिए आईसीटी आधारित मल्टी मोडल मंच प्रगति के माध्यम से 11वें संवाद की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने लोकशिकायतों को देखने और उनका समाधान निकालने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की।
नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियों से इस संबंध में काम में और तेजी लाने का आग्रह करते हुए कहा कि शिकायत निवारण लोकतंत्र के बड़े पहलुओं में से एक है। उन्होंने एक महीने के अंदर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत बताई ताकि अपवादों को छोड़कर शिकायतों का समाधान 60 दिनों के अंदर हो सके। उन्होंने बड़े अधिकारियों से कहा कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें।
इलेक्ट्रानिक रूप से नागरिक केन्द्रित सेवाओं की प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जिलास्तर पर इस बात की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए कि कितनी सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। सामाजिक क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने विधवा पेंशन कार्यक्रम की स्थिति का मूल्यांकन किया। उन्होंने कुष्ट रोग उन्मूलन की दिशा में हुई प्रगति की भी समीक्षा की।