हैदराबाद। जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार पर गुरुवार को हैदराबाद में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जूता उछाला गया है। विरोध करने वाला नारा लगा रहा था कन्हैया जैसे देशद्रोही को बोलने नहीं देना चाहिए।
कन्हैया कुमार रोहित वेमुला के समर्थन में जारी आंदोलन में भाग लेने यहां पहुंचा है। बुधवार को उसे विश्वविद्यालय के अंदर जाने से रोका गया। इसके बाद गुरुवार को पत्रकारवार्ता के दौरान जब उसने बोलना शुरु किया एक प्रदर्शनकारी ने नारेबाजी करते हुए उसपर जूता उछाल दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारी को तुरंत हिरासत में ले लिया और बाहर ले गई।
पत्रकारवार्ता में कन्हैया का कहना है कि जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय में समानता है यहां छात्रों और अध्यापकों को निशाना बनाया जा रहा है। उसने कहा कि हमें पूछना चाहिये कि क्यों विश्वविद्यालयों को युद्ध के मैदान में बदला जा रहा है।
वहीं हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिये पुख्ता इंतेजाम किए हुए हैं। वहीं छात्र संघों ने विरोध में चार दिनों तक कक्षाओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
मंगलवार को छात्रों पर लाठीचार्च और कुछ को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ आज सभी छात्र संगठनों ने मिलकर सामाजिक न्याय से जुड़ी एक संयुक्त कार्य समिति गठित की, जिसने कक्षाओं का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
पुलिस ने मंगलवार को कुलपति अप्पा राव का विरोध कर रहे 25 छात्रों और दो विभागीय सदस्यों को गिरफ्तार किया था। रोहित की मां ने बुधवार देर रात विश्वविद्यालय में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें अंदर आने की इज़ाजत नहीं दी। रोहित की मां का कहना है कि वह घायल छात्रों से मिलने जा रही थी।
दो महीनों की छुट्टी के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी लौटे कुलपति अप्पा राव के ऑफिस में मंगलवार को छात्रों ने तोड़ फोड़ की थी। कुलपति पर कॉलेज के छात्र रोहित वेमुल्ला को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप है।
करीब 100 के आस-पास छात्र कुलपति के ऑफिस में प्रदर्शन करते हुए पहुंचे और उन्होंने ऑफिस के फर्नीचर और अन्य सामग्री के साथ तोड़फोड़ की। छात्रों को आरोप है कि रोहित और अन्य छात्रों को कॉलेज से निकालते समय नियम और कानून का पालन नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्री बंगारुदत्तात्रेय की एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट को लेकर की गई शिकायत के बाद कुलपति ने रोहित और उनके पांच साथियों को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद रोहित ने 17 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी।