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बागी विधायकों को हाईकोर्ट से झटका, स्पीकर पर छोड़ा फैसला - Sabguru News
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बागी विधायकों को हाईकोर्ट से झटका, स्पीकर पर छोड़ा फैसला

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बागी विधायकों को हाईकोर्ट से झटका, स्पीकर पर छोड़ा फैसला
Uttarakhand High Court dismisses petition filed by rebel congress mlas
Uttarakhand High Court dismisses petition filed by rebel congress mlas
Uttarakhand High Court dismisses petition filed by rebel congress mlas

देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दलबदल कानून के तहत नोटिस पाने वाले बागी विधायकों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है। बागी आठ विधायकों की ओर से विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ याचिका को नैनीताल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि मामला विधानसभा का है और विधानसभा अध्यक्ष ही इसमें फैसला लेंगे। कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। वहीं बागी विधायकों के निकटस्थ सूत्रों की माने तो वे न्याय पाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।

बताते चले कि दल बदल कानून के तहत विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए गए नोटिस को बागी विधायकों ने नैनीताल हाईकोर्ट में चैलेंज किया। जिसके बाद शुक्रवार को जस्टिस सुधांशु धूलिया की कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई।

बता दें कि केवल आठ बागी विधायकों ने स्पीकर के नोटिस को चैलेंज किया था। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने नोटिस के खिलाफ याचिका दायर नहीं की थी। अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी और पूर्व महाअधिवक्ता उमाकांत उनियाल कोर्ट में बागियों की तरफ से पैरवी की।

वहीं सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने याचिका का विरोध किया। अवकाश के बावजूद न्यायालय में सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई।

नोटिस को चैलेंज करने वाले बागी विधायक

रामनगर विधायक अमृता रावत, रुद्रप्रयाग विधायक हरक सिंह रावत, खानपुर विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन, जसपुर विधायक शैलेन्द्र मोहन सिंगल, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, नरेन्द्रनगर विधायक सुबोध उनियाल व् रायपुर विधायक उमेश शर्मा ने रिट फाइल कर विधानसभा अध्यक्ष के 19 मार्च के आदेश को चुनौती दी।

उधर कांग्रेस सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने अभी भी बागी विधायको को मनाने का प्रयास जारी रखा है इसी क्रम में बागी विधायकों को मनाने के लिए 27 मार्च को पूर्व सूचना मंत्री अंबिका सोनी दून पहुंच सकती है।

कांग्रेस बागियों को मनाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपने सुर नरम किए है वहीं केंद्रीय नेतृत्व भी भरसक कोशिश कर रहा है। इसी के तहत अंबिका सोनी बागियों को मनाने दून पहुंच सकती है।

दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कांग्रेस द्वारा भाजपा पर खरीद फरोख्त के आरोप पलटवार किया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरीश रावत सरकार खुद हार्स ट्रेडिंग कर रही है।

मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा के निलंबित विधायक को पद देना यह बताता है कि किस तरह कांग्रेस खरीद फरोख्त में लगी है। वहीं मामले पर मुख्यमंत्री हरीश रावत पल पल नजर रखे हुए है।

ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड विधानसभा में विनियोग बिल के दौरान कांग्रेस के नौ विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने बागी विधायकों के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत नोटिस जारी कर दिया था। इनमें पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और पूर्व कृषि मंत्री हरक सिंह रावत जैसे दिग्गज भी शामिल हैं।

उधर हाईकोर्ट में दलबदल संबंधी याचिका खारिज होने के बाद बागी विधायक हरक सिंह रावत ने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल को पत्र लिखा है। हरक सिंह ने पत्र में स्पीकर से 18 मार्च की सदन की वीडियो रिकार्डिंग मांगी है।

इसके साथ ही हरक सिंह रावत ने 18 मार्च को सदन में मौजूद सभी सदस्यों की सूची भी उपलब्ध कराने की मांग की है। हरक सिंह ने कहा कि उन पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते है कि उनपर आरोप किस आधार पर लगाए गए हैं। हरक ने पत्र में यह भी लिखा है कि उन्हें कानून में अपनी बात कहने का अधिकार है।

वहीं दल बदल कानून के तहत जारी किए गए नोटिस का जवाब विधायकों ने आज यहां अपने अधिवक्ता राजेश्वर सिंह के माध्यम से स्पीकर को उपलब्ध करा दिया है।

बागियो के अधिवक्ता राजेश्वर सिंह ने बताया कि बागियों ने विधानसभा अध्यक्ष से खुद पर लगाए के आरोपों के संबंध में विस्तार से जानकारी मांगी है और उनसे अपना जवाब देने के लिए और अधिक समय देने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समय मिलने के बाद बागी विधायकों का पक्ष रखने के लिए दिल्ली के प्रसिद्ध अधिवक्ताओं को बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह साक्ष्य उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है जिसके आधार पर उन्हें नोटिस जारी किया गया है।