हैदराबाद। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय एचसीयू परिसर में हाल में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरतार किए गए 25 छात्रों और दो शिक्षकों को सोमवार को शहर की एक अदालत ने जमानत दे दी। इस बीच 23 मार्च से ही निलंबित कक्षाएं बहाल हो गईं।
छात्रों और दो शिक्षकों को पांच-पांच हजार रुपए के मुचलके जमा करने पर रिहा किया गया। हिंसा के सिलसिले में उन्हें छह दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। हिंसा में कुलपति अप्पा राव के आधिकारिक आवास में कथित तौर पर तोडफ़ोड़ की गई थी।
अदालत ने सभी आरोपी छात्रों और शिक्षकों को हफ्ते में एक बार गाछीबौली पुलिस थाने के प्रभारी के समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया।
इस बीच, एचसीयू ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ वार्ता के लिए सात सदस्यों वाली एक समिति गठित की है ताकि विश्वविद्यालय परिसर में सामान्य स्थिति बहाल हो सके।
इससे पहले अभियोजन पक्ष ने मियांपुर अदालत परिसर में 25वें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया कि एचसीयू परिसर में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य है और वह सभी 27 आरोपियों की जमानत का विरोध नहीं करेगा।
लोक अभियोजक ने कहा कि छात्रों के करियर को ध्यान में रखकर हमने जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया। हमने मामले के गुण दोष पर फैसला अदालत पर छोड़ दिया । पुलिस ने 22 मार्च को हालात नियंत्रित करने के लिए ये गिरफ्तारियां की थी। किसी के खिलाफ कोई निजी रंजिश की वजह से यह कार्रवाई नहीं की गई थी।
बचाव पक्ष के वकील ने अदालत ने जमानत देने का अनुरोध करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह ‘संदिग्ध’ हैं और उन्हें हिरासत में रखने के लिए कोई आधार नहीं है। वकील ने आरोपियों को निजी बांड पर जमानत देने का अनुरोध किया।