अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सीनियर सैकण्डरी एवं सैकण्डरी परीक्षाएं समाप्त होने के बाद बोर्ड को उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की चिंता हो चली है। बोर्ड ने परिणाम समय पर निकालने के लिए अब परीक्षकों से मूल्यांकन के लिए पंजीयन कराने की गुजारिश की है।
बोर्ड की इन परीक्षाआें में 19 लाख से भी अधिक परीक्षार्थियों ने राज्य के 5310 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षायें दी थी। बोर्ड के अध्यक्ष प्रो बीएल चौधरी ने इन परीक्षाआें के निर्विघ्न आयोजन के लिए प्रदेश के सभी परीक्षार्थी, शिक्षकों, अभिभावकों और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने परीक्षाआें की विश्वसनीयता को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा प्रारम्भ होने के दिन 3 मार्च को एक केन्द्राधीक्षक की लापरवाही से सैकण्डरी के अंग्रेजी विषय के प्रश्न पत्र का लिफाफा खुलने पर उस परीक्षा के प्रश्न पत्र को तत्काल निरस्त कर दिया।
पांच दिन के अल्प समय में ग्यारह लाख परीक्षार्थियों के लिए नया प्रश्न पत्र छपवाकर राज्य के 5,000 से भी अधिक परीक्षा केन्द्रों तक नए प्रश्न पत्र को सुरक्षित पहुंचाया और परीक्षा नियत तिथि को हुई। इस कार्य में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों के साथ बोर्ड कार्मिकों ने भी महत्ती भूमिका निभाई।
बोर्ड द्वारा इस वर्ष प्रदेश के सभी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केन्द्रों के साथ-साथ संवेदनशील जिलों के कुछ परीक्षा केन्द्रों पर सभी परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। इन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों की गतिविधियों की लाइव मॉनिटरिंग बोर्ड कार्यालय में बनाए गए विशेष कन्ट्रोल रूम से बोर्ड अधिकारियों और कार्मिकों ने की।
बोर्ड अध्यक्ष ने सभी शिक्षकों को आह्वान किया कि जो अध्यापक बोर्ड में उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कार्य के लिए परीक्षक के रूप में पंजीकृत नहीं है वे तत्काल अपना पंजीयन कराएं।
यदि कोई शिक्षक उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कार्य से मना करेगा अथवा बोर्ड द्वारा सूचना दिए जाने पर भी उत्तरपुस्तिका के बण्डल मूल्यांकन हेतु नहीं लेंगे तो एेसे शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर को बोर्ड स्तर पर सूचित किया जाएगा।
बोर्ड अध्यक्ष ने शिक्षकों से कहा है कि वे मूल्यांकन में पूर्ण सजगता बरतें क्योंकि यह कार्य परीक्षार्थी के भविष्य से जुड़ा है। बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने बताया कि अब बोर्ड के सामने सबसे चुनौती डेढ़ करोड़ उत्तरपुस्तिकाआें का पारदर्शी, निष्पक्ष और त्वरित मूल्यांकन है।
इस वर्ष भी बोर्ड ने परीक्षा आयोजन की तिथि के दिन ही परीक्षा समाप्ति के पश्चात् पूरे प्रदेश से उत्तरपुस्तिकायें विशेष वाहनों के जरिये बोर्ड के अजमेर कार्यालय में मंगवाई और तीन दिवस के भीतर संबंधित परीक्षक तक उन उत्तरपुस्तिकाआें को मूल्यांकन हेतु प्रेषित करने की व्यवस्था की है।
बोर्ड ने सैद्घान्तिक विषयों की उत्तरपुस्तिकाआें के मूल्यांकन के लिए 23,350 परीक्षकों की नियुक्ति की है। पूर्व में सम्पन्न प्रायोगिक परीक्षाआें के लिए 7,100 परीक्षकों की नियुक्ति की गई थी। परीक्षकों को शीघ्र उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन हेतु उपलब्ध कराने की दृष्टि से राज्य में 47 उत्तरपुस्तिका संग्रहण केन्द्र एवं 11 उपकेन्द्र स्थापित किए गए है।
बोर्ड कार्यालय में उत्तरपुस्तिकाआें के वितरण और मूल्यांकन के पश्चात् वीक्षकों से तत्काल अंक मंगवाने के लिए संभागवार 9 वरिष्ठ अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है।