नई दिल्ली/ब्रसेल्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विश्व के सभी देशों से एकजुट होकर आतंकवाद को समाप्त करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने भारत और बेल्जियम एक पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (म्यूच्यूअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी) पर फिर से वार्ता शुरू कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी इस समय ब्रसेल्स में 13वें भारत-यूरोपियन यूनियन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बेल्जियम की एक-दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि (एक्सट्राडिशन ट्रीटी) और सजायाफ्ता कैदियों के आदान-प्रदान पर बातचीत करके आतंकवाद का इलाज और निष्कर्ष निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा भारत 40 वर्षों से इस भयंकर खतरे से लड़ रहा है और चिंता जताई कि आतंकवाद का ‘नासूर’ बढ़ रहा है और सभी देशों को साथ मिलकर इसे मिटाना होगा।
बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल के साथ द्विपक्षीय वार्ता के पश्चात मोदी ने चार्ल्स माइकल को भारत आने का न्यौता दिया। भारत और बेल्जियम ने अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा के लिए कचरे के दोहन पर आपसी सहयोग के लिए सहमति जताई। उन्होंने कहा कि बेल्जियम की क्षमताओं और भारत के आर्थिक विकास को ध्यान में रख कर व्यापार के लिए अवसरों का फायदा उठा सकते हैं।
इससे पहले मोदी ने 22 मार्च को बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उस आतंकी हमले में 32 लोगों की जान गई थी। मरने वालों में भारत का एक इंजीनियर भी था। उन्होंने कहा भारत बेल्जियम के लोगों के साथ आतंकवाद के विरुद्द साथ खड़ा है।
द्विपक्षीय वार्ता के पश्च्यात दोनों प्रधानमंत्रियों ने रिमोट कंट्रोल द्वारा भारत-बेल्जियम एरीज़ टेलिस्कोप को भी सक्रिय किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह टेलिस्कोप दोनों देशों के वैज्ञानिकों की सहायता करेगा। उन्होंने दोनों देशों की वैज्ञानिकों को भो बधाई दी।
भारत और बेल्जियम के बीच आर्थिक साझेदारी पर ज़ोर देते हुए मोदी ने कहा कि आधुनिक काल में विश्व के सभी देश एक दूसरे पर निर्भर हैं और भारत एक बड़ा अवसर और एक प्रतिभा का एक विशाल कुंड है न सिर्फ एक बाजार।
बेल्जियम के उद्योगपतियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है जो अपनी बंदरगाहों को बड़े तरीके पर विकसित कर रहा है। अंतर्देशीय जलमार्ग भी बेल्जियम के कारोबार के लिए अवसर प्रदान करते हैं।
हीरों को भारत और बेल्जियम के बीच एक ‘पुराना लिंक’ बताते हुए प्रधान मंत्री ने कहा यह क्षेत्र भारत में बहुत लोगों को रोज़गार प्रदान करता है। सूचना तकनीकी (आई टी) दूसरा ऐसा क्षेत्र है।
उन्होंने कहा भारत और बेल्जियम के बीच ‘खून के रिश्ते’ है क्यूंकि 100 वर्ष पहले भारत से 1,30,000 सैनिकों ने बेल्जियम में युद्द किया था और इनमें से लगभग 9000 की मृत्यु हो गई थी।