मुंबई। बॉलीवुड अािनेता आयुष्मान खुराना को लगता है कि बॉलीवुड में जगह बनाए रखने के लिए किसी बड़े अभिनेता का नाम खुद से जुड़ा होना जरूरी नहीं है।
आयुष्मान का मानना है कि भले ही बालीवुड में स्टार के बच्चों को बड़े स्तर पर लॉन्च किया जाता हो लेकिन लंबे समय तक उन्हें यह सहयोग नहीं मिलता।
‘विक्की डोनर’ के अभिनेता ने कहा कि मुझे लगता है कि यह भारतीय सिनेमा का सबसे अच्छा दौर है। फिल्म जगत में आने या जगह बनाने के लिए किसी बड़े अभिनेता का नाम खुद से जुड़ा होना जरूरी नहीं है। केवल अभिनेताओं के लिए ही नहीं बल्कि निर्देशकों, लेखकों, गीतकारों सभी पर यह बात लागू होती है।
उन्होंने कहा कि मैं इस बात से खुश हूं कि मैं आज यहां हूं। मुझे लगता है कि अगर 15 साल पहले मैं यहां आता तो शायद मुझे वे अवसर न मिल पाते जो एक स्टार के बच्चों को मिलते।
इंडस्ट्री में चार साल पूरे कर चुके 31 वर्षीय अभिनेता का मानना है कि उनके पेशे की सबसे अच्छी बात यह है कि सभी स्थानों पर उनके साथ खास व्यवहार किया जाता है।
आयुष्मान जल्द ही आनंद एल राय की ‘मनमर्जियां’ में भूमि पेेडणेकर और यश राज फिल्म्स की ‘मेरी प्यारी बिंदू’ में परिणीती चोपड़ा के साथ नजर आएंगे।
सोमवार को एलान किए गए 63 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में आयुष्मान की ‘दम लगा के हईशा’ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म चुना गया।
‘पानी दा’ गीत के गायक ने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार खास है उस पर किसी चैनल या प्रयोजकों का बोझ नहीं होता। मुझे लगता है कि यह विश्वसनीय और साफ हैं।