सिरोही । आदर्श चेरिटेबल इंस्टीट्यूट के संयोजक मुकेश मोदी ने आरोप लगाया कि माली को तालाब की खुदाई से कोई सरोकार नहीं था, उनका मंतव्य हर समिति में शामिल होना भर है।
मोदी ने कहा कि लाखेराव तालाब की खुदाई को ले कर लगातार भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है कि सिरोही के सामाजिक सगठनों ने तालाब की खुदाई का कार्य रोक कर अपने आप को अलग कर लिया है। खुदाई का कार्य तो वे लोग कर ही रहे थे। उनकी तरफ से किसी भी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न नहीं किया गया, लेकिन नगर परिषद् सभापति ताराराम माली का यह ‘बाल हठ’ बडा अजीब है कि तालाबों की खुदाई का कार्य नगर परिषद् के माध्यम से होगा, दानदाताओं के द्वारा नहीं।
-सरकारी धन का नुकसान
मोदी ने इस रवैये पर अफसोस जताते हुए कहा कि यदि नगर परिषद् दानदाताओं के सहयोग के बगैर सरकारी धन से खुदाई का कार्य करवाती है तो यह सिरोही का ही नुकसान है। परिषद् के सरकारी धन का उपयोग शहर की अन्य विकास योजनाओं में किया जा सकता है ऐसे में दानदाताओं की उपेक्षा दुर्भाग्य पूर्ण है। मोदी ने स्पष्ट किया कि यह कार्य जन सहयोग से किया जा रहा था और सिरोही की जनता स्वयं आगे आ रही थी ऐसे में ताराराम माली को खुदाई कार्य में सहयोग देने से किसने रोका था?
-पदाधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई थी
मोदी ने बताया कि यह भी स्पष्ट करना जरूरी है कि इस कार्य में किसी समिति पदाधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई थी। एक औपचारिक कार्य समिति बनाई गई थी जिसमें प्रत्येक दानदाताओं के दो-दो प्रतिनिधि शामिल होने थे। ताराराम माली से भी आग्रह किया गया था। उन्होंने दो लाख रुपये का सहयोग देने का वायदा भी किया। वे चाहते तो दानदाता के रूप में अपने दो प्रतिनिधि समिति में भेज सकते थे या स्वयं भी शामिल हो सकते थे किन्तु ऐसा नहीं हुआ।
नगर परिषद पहले ही शामिल
मोदी ने स्पष्ट किया कि गुरुवार को नगर परिषद् सभापति ताराराम माली ने एक बड़ा दिलचस्प प्रेस नोट जारी किया। जिसमे कहा गया है कि ‘‘गुरुवार को हुई बैठक में तालाब खुदाई कार्य में नगर परिषद् को शामिल नहीं किये जाने पर ताराराम माली ने आपत्ति जताई जिस पर भामाशाहों ने सहयोग राशि की घोषणा को वापस ले लिया है।’’
नगर परिषद शुरू से ही शामिल
मोदी ने बताया कि जल संरक्षण कार्य समिति में नगर परिषद शुरू से शामिल रही है। समिति ने 22 मार्च 2016 को जिला कलेक्टर को जो पत्र लिखा उसमें नगर परिषद् के आयुक्त एवं सहायक अभियन्ता को प्रशासनिक व तकनीकी सहयोग के लिये गठित कमेटी में शामिल करने का आग्रह किया गया था। सिरोही सिरोही जिला कलेक्टर के आदेश पर उसी दिन गठित हुई कमेटी में आयुक्त और सहायक अभियन्ता को शामिल कर भी लिया गया ।
उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि ताराराम माली समिति में शामिल नही है इसलिए माली का कहना है कि ‘नगर परिषद् को इस कार्य में शामिल नहीं किया गया है।’ मोदी ने कहा कि सभापति का मंतव्य क्या है, समझा जा सकता है। यहां सरोकार तालाब की खुदाई करना प्रतीत नहीं होता बल्कि सरोकार समिति में शामिल होने से है। दुखद है और हास्यास्पद भी । अगर चिंताएं खुदाई को लेकर इतनी ही गहरी थी तो खुदाई कार्य में व्यवधान डालने की बजाय माली स्वयं सहयोग के लिये आगे आ सकते थे और आना भी चाहिए था क्योकि कार्य हम सभी का है।
मोदी ने स्पष्ट किया कि वे राजनीति में नहीं हैं इसलिये किसी की छवि को नुकसान पहुचाना न उनका उद्देश्य है और न ही जरूरत। उन्होंने कहा कि सिरोही में जन्म लिया है अतः सिरोही और यहां के लोगों के लिए कुछ करने का उनका निश्चित मंतव्य है, लेकिन ऐसे माहौल में कुछ भी किया जाना परिषद् के असहयोग के कारण संभव नहीं हो पा रहा।
-नहीं दी स्वच्छ पेयजल के वाटर एटीएम की अनुमति
मोदी ताराराम माली से मुखातिब होते हुए कहा कि सवाल किया कि 1 फरवरी 2016 को सिरोही के प्रत्येंक वार्ड में नगरवासियों को सुरक्षित स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रत्येक वार्ड में वॉटर atm लगवाने के लिये आदर्श चेरिटेबल इंस्टीट्यूट ने एक आवेदन दिया। इस परियोजना पर लगभग साढे चार करोड़ रुपये आदर्श चेरिटेबल इंस्टीट्यूट द्वारा खर्च किया जाना था। उन्हांेने अफसोस जताते हुए कहा कि उनकी यह परियोजना आज भी अधूरी है ताराराम माली ने आज तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है। उन्हांेने कहा कि वे सिर्फ खेद व्यक्त कर सकत है।
हांलाकि उप सभापति धनपतसिंह राठौड़, पार्षद मिनाक्षी प्रजापत, हिम्मत सोलंकी, प्रकाश कुंवर और प्रवीण राठौड़ ने वाटराइज्ड लगाने के प्रस्ताव की सराहना करते हुए उन्हें पत्र भी लिखा है । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाईन में वाटराइज्ड लगाने की स्वीकृति दी है जो जल्दी ही स्थापित होगा। दुखद यह भी है कि वर्षाजल संरक्षण तथा नलकूपों व बावडि़यों के जलपुर्नभरण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य आदर्श चेरिटेबल इंस्टीट्यूट ने अपने हाथ में लिया, लेकिन शहर की 14 बावडि़यों मे से केवल एक बावडी के लिए ही प्रशासन ने अनुमति प्रदान की । बाकी के लिए हम आज भी प्रतीक्षा कर रहे हैं।