नई दिल्ली/वॉशिंगटन। जैश-ए- मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर बैन लगाने की कोशिश में अड़ंगा बने चीन के बारे में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के दौरान एक स्टेटमेंट जारी किया।
इसमें चीन और पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया लेकिन इशारों में चीन पर आतंकियों और पाकिस्तान को बचाने का आरोप लगाया गया है।
दरअसल भारत ने पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर पर बैन लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा था, लेकिन चीन ने इसे वीटो कर दिया था।
स्टेटमेंट में कहा गया है कि आतंकी संगठन होने के कारण 2001 से जैश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैन लिस्ट में शामिल है, क्योंकि उसके अल कायदा से लिंक हैं। इसके बावजूद तकनीकी वजहों से जैश के सरगना पर बैन नहीं लगाया जा सका है।
2 जनवरी को पठानकोट हमले के बाद ये फिर साबित हो गया कि अजहर को बैन न किए जाने के क्या खतरनाक नतीजे हो सकते हैं। स्टेटमेंट में कहा गया है कि इस तरह के आतंकी संगठनों को बैन न किए जाने का खामियाजा पूरी दुनिया को उठाना पड़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के काम करने के तरीकों पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा गया है कि सिर्फ कुछ चुनिंदा आतंकी संगठनों के खिलाफ ही एक्शन क्यों होता है। दुनिया को इस खतरे का सामना मिलकर करना चाहिए।
बता दें कि नरेंद्र मोदी ने बराक ओबामा द्वारा दिए गए डिनर के दौरान भी यही बात कही थी। मोदी ने कहा था कि यूएन अब तक आतंकवाद की डेफिनेशन को लेकर ही कन्फ्यूज है।
पीएम मोदी ने कहा था कि दुनिया को ‘उनका टेररिस्ट मेरा नहीं’ वाली सोच से बाहर निकलना होगा, क्योंकि आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है। इसे अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता।