नई दिल्ली। आयकर विभाग ने ‘ई-फाइलिंग वॉल्ट’ नामक एक नई सुविधा शुरू की है। इस सुविधा के तहत करदाता अपने ई-फाइलिंग एकाउंट को लॉग-इन कर सकते हैं और अपने प्रोफाइल पेज के तहत ‘ई-फाइलिंग वॉल्ट- अधिक सुरक्षा’ का चयन कर सकते हैं।
आयकर विभाग फिशिंग ईमेल से बचने, पासवर्ड एवं ओटीपी की सावधानीपूर्वक रक्षा करने और दूसरों के साथ उन्हें साझा न करने के बारे में समय-समय पर परामर्श जारी करता रहता है।
जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने ‘ई-फाइलिंग वॉल्ट’ नामक एक नई सुविधा शुरू यह सुनिश्चित करने के लिए किया है ताकि करदाता धोखाधड़ी के किसी भी प्रयास के खिलाफ अपने ई-फाइलिंग अकाउंट को सुरक्षित रखने में समर्थ साबित हों।
इस सुविधा का उपयोग करने के लिए करदाता अपने ई-फाइलिंग एकाउंट को लॉग-इन कर सकते हैं और अपने प्रोफाइल पेज के तहत ‘ई-फाइलिंग वॉल्ट- अधिक सुरक्षा’ का चयन कर सकते हैं।
करदाता अधिक सुरक्षा वाले तरीकों के किसी एक या कई विकल्पों के तहत लॉग-इन करने का चयन कर सकते हैं। जिसमें ओटीपी सृजित करने के लिए आधार लिंकेज का उपयोग करना, नेट-बैंकिंग के जरिए लॉग-इन और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) का उपयोग करके लॉग-इन करने की सुविधा शामिल है।
ऐसा एक बार पूरा होने के बाद लॉग-इन करने संबंधी किसी भी भावी प्रयास के तहत करदाताओं को नेट बैंकिंग के उपयोग के जरिए या डीएससी के उपयोग के जरिए लॉग-इन करना होगा।
इस सुविधा का उपयोग करके करदाता किसी को भी लॉग-इन करने से रोक सकता है, भले ही अतीत में उसने यूजर आईडी और पासवर्ड को साझा क्यों न किया हो।
इसी तरह, करदाता यह भी चयन कर सकता है कि कैसे अपने पासवर्ड को रीसेट किया जा सकता है। करदाता जब भी अधिक सुरक्षा वाले तरीकों के किसी एक या कई विकल्पों का उपयोग करके रीसेट पासवर्ड का चयन कर लेगा, तो कोई भी अन्य व्यक्ति करदाता के पासवर्ड को रीसेट करने में सक्षम नहीं हो पाएगा, भले ही गोपनीय उत्तर अथवा ई-फाइलिंग ओटीपी इत्यादि क्यों न उसके पास हो।